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आकाश आनंद के खिलाफ एक्शन में मायावती, पद छीनने के 24 घंटे के भीतर पार्टी से भी निकाला

मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी से उनके ससुर के प्रभाव में पार्टी हितों को नजरअंदाज करने के लिए निष्कासित कर दिया है. उनकी प्रतिक्रिया को अहंकारी बताते हुए, मायावती ने पार्टी के अनुशासन और विचारधारा को प्राथमिकता देते हुए यह कड़ा कदम उठाया है.

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आकाश आनंद और मायावती
आकाश आनंद और मायावती

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक चौंका देने वाले फैसले में अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. आकाश के पार्टी से निकाले जाने का कारण उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव को बताया गया है. मायावती ने एक्स पोस्ट में इस बात की पुष्टि की और कहा कि पार्टी और मूवमेन्ट की भलाई को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है.

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मायावती का कहना है कि बीएसपी की आल-इंडिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आकाश आनंद अपने ससुर के प्रभाव में आकर पार्टी हित को नजरअंदाज कर रहे थे. इसी के चलते उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था. पार्टी का मानना है कि इस परिस्थिति में आकाश को अपनी परिपक्वता दिखाते हुए पछताप करना चाहिए था.

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कल आकाश आनंद को दी गई थी चेतावनी

मायावती ने एक्स पोस्ट में लिखा, "बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी."

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आकाश आनंद को मायावती ने बताया 'अहंकारी'

मायावती ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि लेकिन आकाश आनंद की प्रतिक्रिया उम्मीदों के विपरीत रही. उन्होंने एक लम्बी प्रतिक्रिया दी, जिसे मायावती ने अहंकारी और गैर-मिशनरी करार दिया. उन्होंने इसे केवल स्वार्थी रवैया बताया, जो पार्टी की विचारधारा और मिशन से मेल नहीं खाता. अपने पोस्ट में मायावती ने उन सभी पार्टी सदस्यों को भी चेतावनी दी, जो इस तरह के व्यवहार करते हैं.

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मायावती ने "बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान मूवमेन्ट के महत्व" पर जोर देते हुए ये फैसला लिया. उन्होंने कहा कि यह कदम बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाने के लिए आवश्यक था.

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