अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि मुझे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है. लेकिन भविष्य में बाबरी मस्जिद को लेकर होने वाली किसी भी कार्यक्रम को लेकर भी हमारी पार्टी को ऐतराज नहीं होगा.
मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. हमारी पार्टी सभी धर्मों का बराबर सम्मान करती हैं. चाहे हिंदुओं का मामला हो, सिखों का हो, बौद्धों या अन्य धर्म के लोगों का हो. हम उनके ऐसे किसी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.
बसपा प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी ने किसी भी धर्म का कभी विरोध नहीं किया है. मैं कई बार कह चुकी हैं और एक बार फिर कहती हूं कि बीएसपी देश की अकेली ऐसी पार्टी है, जो धर्मनिरपेक्ष है. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.
22 जनवरी के कार्यक्रम में जाने पर अभी फैसला नहीं लिया
मायावती ने कहा कि मुझे 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम को लेकर निमंत्रण मिला है. और हम इसका स्वागत करते हैं. लेकिन साथ ही मैं ये भी कहना चाहती हूं कि अन्य कार्यक्रमों को लेकर अभी मैं व्यस्त हूं. 22 जनवरी को अभी समय भी बहुत बचा है. ऐसे में अभी हमने इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. लेकिन इस संबंध में हमारी पार्टी जो भी फैसला लेगी, समय आने पर आपको उससे वाकिफ करा दिया जाएगा.
लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा
इससे पहले मायावती ने ऐलान किया था कि बीएसपी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी. विपक्षी गठबंधन का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि गठबंधन करने से पार्टी को फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है और हमारा वोट प्रतिशत भी घट जाता है, जबकि अन्य दलों के फायदा पहुंच जाता है. इसलिए अधिकांश पार्टी बीएसपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहती हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़कर बेहतर नतीजे लाएगी. हम इसलिए चुनाव अकले लड़ते हैं क्योंकि इसका सर्वोच्च नेतृत्व एक दलित के हाथ है. गठबंधन करके बीएसपी का पूरा वोट गठबंधन की पार्टी को चले जाता है जबकि उनका वोट विशेषक अपर कास्ट वोट बसपा को नहीं मिलता है."
केंद्र पर साधा निशाना
मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना
मायावती ने कहा कि आज कल की सरकारें नाम बदल कर घोषणाएं करने में लगी है जिनका वास्तविकता से लेना देना नही है. बीजेपी कांग्रेस की सोच सिद्धांत और जातिवादी सोच है. बीजेपी का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा धर्म और संस्कृति की आग में राजनीति की जा रही है जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है.
मायावती ने कहा, 'हमने यूपी में अपनी 4 बार की सरकार में सभी वर्गो के लिए काम किया, उसमे अल्पसंख्यक, गरीब, मुस्लिम, किसान और अन्य मेहनतकश लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी.सरकारें नाम और स्वरूप बदल कर अपना बनाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन जातिवादी होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा है. रोजगार के साधन देने के बजाय फ्री में थोड़ा सा राशन देकर इनको अपना मोहताज बना रहे हैं जबकि हमने अपनी सरकार के दौरान वर्तमान सरकारों की तरह अपना मोहताज नहीं बनाया बल्कि सरकारी और गैर सरकारी चेत्रों में रोजगार के साधन दिए.'
उन्होंने कहा, 'बहुजन समाज के लोगों और अल्पसंख्यंको से कहना चाहूंगी कि आपने रोजगार और मान सम्मान के लिए, आगे आने वाली पीढ़ी के लिए, आपके संतो गुरुओं और महापुरुषों , अंबेडकर के रास्ते पर चलकर बीएसपी को मजबूत बनाना है.'