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MCOCA: गैंगस्टर कपिल सांगवान गैंग के दो शूटरों की अदालत में पेशी, दिल्ली पुलिस ने मांगी 10 दिन की कस्टडी

दिल्ली पुलिस ने नरेश बालियान मामले से जुड़े मकोका मामले में गैंगस्टर कपिल सांगवान के दो शूटरों को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश कर 10 दिन की कस्टडी मांगी है. दोनो शूटरों की रिमांड पर राउज एवेन्यू कोर्ट दोपहर 2 बजे फैसला लेगा.

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सांकेतिक फोटो.
सांकेतिक फोटो.

दिल्ली पुलिस ने आप विधायक नरेश बालियान से जुड़े मकोका मामले में गैंगस्टर कपिल सांगवान गैंग के दो शूटरों साहिल और विजय को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया है. पुलिस ने अदालत से दोनों शूटरों की 10 दिनों की हिरासत मांगी है. पुलिस दो को 

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पुलिस ने अदालत को बताया कि नॉर्थ से लेकर साउथ तक पूरे भारत में इनका सिंडीकेट फैला हुआ है. साथ ही दोनों आरोपियों का कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जेल में बयान दर्ज कर किया गया था.

पुलिस का दावा है कि ये दोनों शूटर कपिल सांगवान के इशारे पर काम कर रहे थे. ये लोग पहले लोगों को धमकी देते थे, फिर उन्हें धमकी भरे कॉल करते थे और बाद में डराने के लिए फायरिंग करते थे.

दिल्ली पुलिस ने बताया कि इन दोनों लोगों ने कपिल सांगवान के इशारे पर पंचकूला में दूसरे गिरोह के तीन लोगों की हत्या की, दोनों को स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. दोनो शूटरों की रिमांड पर राउज एवेन्यू कोर्ट दोपहर 2 बजे फैसला लेगा.

HC में जमानत अर्जी पर सुनवाई

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इससे पहले गुरुवार नरेश बालियान की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उन्होंने  अपनी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने और चुनाव प्रबंधन के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई थी.

बालियान के वकील ने कोर्ट में कहा कि 2022 में बालियान ने कपिल सांगवान के खिलाफ कई शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसको सुरक्षा भी दी गई थी. जिस दिन उगाही यानी वसूली से जुड़े एक मामले में मुझको जमानत मिली, उसी दिन मकोका मामले में मुझको गिरफ्तार कर लिया गया. उगाही मामले में कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. कोई पैसे का लेन-देन नहीं मिला है. मकोका के तहत संगठित अपराध के आरोपों में गिरफ्तार आप नेता नरेश बलियान की जमानत अर्जी पर अब दिल्ली हाईकोर्ट 28 जनवरी को सुनवाई करेगा.
 
बालियान के वकील ने कहा दो कंफेशनल स्टेटमेंट में मेरा नाम लिया गया, जिसमें कहा गया कि बालियान सिंडिकेट का हिस्सा था. DCP द्वारा और स्वतंत्र माहौल में इकबालिया बयान दर्ज किया जाना चाहिए. इसे मजिस्ट्रेट के पास भेजा जाता है, जहां आरोपी मजिस्ट्रेट के सामने हस्ताक्षर करता है. लेकिन इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.

कोरे कागज पर लिया इकबालिया बयान

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बलियान के वकील ने पुलिस पर उनका बयान कोरे कागज पर लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि  कंफेशनल से मुकर गए थे. उनका इकबालिया बयान कोरे कागज पर लिया गया था, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था और इकबालिया बयान की जांच करने का आदेश दिया था.

अधिवक्ता ने कहा कि नरेश बालियान दो बार के विधायक हैं. चुनाव से पहले नवंबर में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. जिससे उनका टिकट कट गया, मेरी पत्नी को टिकट दे दिया गया. जब मुझको टिकट देने का प्रपोजल मिला था, तब मेरी गिरफ्तारी नहीं हुई थी. जांच के दौरान अचानक से गिरफ्तारी हुई है. मैने 2021, 22, 23 में उगाही की शिकायत किया और दिल्ली पुलिस ने मुझको सुरक्षा भी दी थी, लेकिन बाद में उसी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.

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