अफगानिस्तान में हालात हर बीतते दिन के साथ ही बदतर होते जा रहे हैं. तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है और हर तरफ बंदूक के साथ तालिबान के लड़ाके घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं. अफगानिस्तान के मसले से भारत समेत पूरी दुनिया चिंतित है. भारत सरकार ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों और इससे जुड़े मुद्दों के लिए एक सेल की स्थापना भी की है, जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर और जीमेल आईडी जारी की गई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जानकारी दी है कि एमईए (विदेश मंत्रालय) ने लोगों की वापसी और अफगानिस्तान से अन्य तरह के अनुरोधों के लिए एक स्पेशल अफगानिस्तान सेल की स्थापना की है.'' इसके लिए फोन नंबर-+919717785379 और ईमेल आईडी MEAHelpdeskIndia@gmail.com को जारी किया गया है.
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिखों को वापस लाने को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि विदेश मंत्रालय और अन्य विभाग सभी जरूरी प्रबंध करेगा. मालूम हो कि अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक भी रहते हैं.
कई लोगों को देश वापस लाया जा चुका है, जबकि अब भी कई भारतीय लोग अफगान में फंसे हुए हैं. सरकार इन नागरिकों को वापस देश में लाने के लिए स्पेशल विमान भेजा है. सोमवार को एयरफोर्स के विमान सी-17 ग्लोब मास्टर ने भारत से काबुल से उड़ान भरी. विमान के जरिए कई लोगों को वापस देश लाया गया है.
#MEA has set up a Special Afghanistan Cell to coordinate repatriation and other requests from Afghanistan.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 16, 2021
Pls contact :
Phone number: +919717785379
Email: MEAHelpdeskIndia@gmail.com@IndianEmbKabul
सिर्फ भारत ही नहीं, अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनियाभर के देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों, कर्मचारियों को निकालने में लगे हुए हैं. ज्यादातर लोगों को निकाल लिया गया है. अमेरिका और ब्रिटेन ने इसके लिए बड़ी संख्या में अपने देश से सैनिक भी अफगान भेजे हैं जो कि काबुल एयरपोर्ट पर तैनात किए गए हैं. ये सैनिक अपने नागरिकों को सुरक्षित वतन भेजने की कोशिश में लगे हुए हैं.
तालिबान के पूरे देश पर कब्जा जमाने के बीच सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ जैसी स्थिति देखने को मिली. लोग देश छोड़ने के लिए विमानों में सवार होने की कोशिश करते हुए दिखाई दिए. अफगान में तालिबान की वापसी के बार आशंका जताई जा रही है कि महिलाओं समेत जनता के अधिकारों का उल्लंघन होगा, जिसकी वजह से पूरा विश्व चिंतित है.