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मिशनरीज ऑफ चैरिटी का FCRA रजिस्ट्रेशन फिर से बहाल, अब विदेशों से फंडिंग लेना हुआ मुमकिन

मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) के FCRA रजिस्ट्रेशन को गृह मंत्रालय ने बहाल कर दिया है. ये नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा द्वारा स्थापित कैथोलिक धार्मिक मण्डली है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1 जनवरी से नहीं हुआ था 6,000 NGO का रिन्युअल
  • MHA ने MoC के रिन्युवल से किया था इनकार

गृह मंत्रालय ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) का FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन फिर से बहाल कर दिया है. मिशनरीज ऑफ चैरिटी मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था है जो भारत में कल्याणकारी कामों में शामिल है. गृह मंत्रालय ने ने कहा था कि पंजीकरण पहले रिन्यू नहीं किया गया था क्योंकि इसके खिलाफ  “कुछ प्रतिकूल इनपुट देखे गए थे. हालांकि अब मंत्रालय ने संस्था का एफसीआरए पंजीकरण 7 जनवरी को बहाल कर दिया है. 

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FCRA लाइसेंस की बदौलत ही कोई संस्था विदेशों से चंदा ले सकती है. 25 जनवरी को गृह मंत्रालय ने इस संस्था का FCRA लाइसेंस रिन्यू नहीं किया था. उसके बाद ये संस्था उन 6000 संस्थाओं की सूची में शामिल हो गई थी जिसका FCRA लाइसेंस खत्म हो गया था. 

पश्चिम बंगाल में विदेशी चंदा लेने के लिए 1,030 एनजीओ पात्र हैं और एमओसी को इस सूची में जोड़ा गया था. सरकार ने लगभग 6,000 एनजीओ का पंजीकरण 1 जनवरी से बंद हो गया क्योंकि एमएचए ने उनके आवेदन को रिन्यू करने से इनकार कर दिया या एनजीओ ने रिन्युवल के लिए आवेदन नहीं किया.

MHA ने पहले एक बयान में कहा था कि 25 दिसंबर को एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा नहीं करने के लिए MoC के रिन्युवल से इनकार कर दिया गया था. साथ ही कहा कि इसका लाइसेंस 31 अक्टूबर तक वैध था, लेकिन अन्य संघों के साथ इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था.

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7 जनवरी की केंद्र सरकार की नवीनतम कार्रवाई के साथ, मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी 16,000 से अधिक एनजीओ की सूची में वापस आ गई है, जिनका एफसीआरए पंजीकरण वर्तमान में सक्रिय है।

बता दें कि विदेशी फंडिंग प्राप्त करने और उसका उपयोग करने के लिए किसी भी एसोसिएशन और एनजीओ के लिए एफसीआरए पंजीकरण अनिवार्य है.

 

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