उत्तर प्रदेश के देवरिया ( Deoria) में स्कूली बच्चों का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें हाथ में भोजन की थाली लिए बच्चे बता रहे हैं कि उन्हें स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील ( Mid Day Meal) में सही से भोजन नहीं मिल रहा है. मेन्यू के हिसाब से मिलने वाला खाना हमारी थाली से गायब रहता है. देखते ही देखत यह वीडियो तेजी से पूरे क्षेत्र में फैल गया. अब इस मामले में खण्ड शिक्षा अधिकारी जांच करने की बात कह रहे हैं.
देवरिया के पथरदेवा ब्लॉक के रामधारी पांडेय इंटर कालेज पगरा बजरिया (Ramdhari Panday Inter Collage) का एक विडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से वायरल हो रहा है. जिसमें स्कूल की जूनियर क्लासों के बच्चे हाथ में थाली लिए हुए हैं और उनकी थाली में केवल चावल नजर आ रहा है. वीडियो में बच्चे बता रहे हैं कि मिड डे मील में उन्हें केवल चावल परोसा गया है. छात्र यह कहते नजर आ रहे हैं कि '' आधा पेट खाना मिलता है केला नही मिलता है, दाल नही है केवल चावल मिला है, आधा किलो दाल आया है तो कितने को मिलेगा.'' इस पूरे वाक्ये का छात्रों ने ही वीडियो बनाकर वायरल किया था.
बताया जा रहा है कि वीडियो 29 अगस्त को बनाया गया था और एक सितंबर को वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो के सामने आने के बाद मामले में संज्ञान लेते हुए एमडीएम प्रभारी दुर्गेश प्रताप सिंह का कहना है कि स्कूली बच्चों का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें बच्चे सही मिड डे मील नहीं मिलने की बात कहते नजर आ रहे हैं. इस मामले की जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी करेंगे और रिपोर्ट आने पर जो दोषी होगा उसके विरुद्ध जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि, यूपी में पूर्व माध्यमिक और माध्यमिक स्कूलों के जूनियर कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को दोपहर में मेन्यू के हिसाब से प्रत्येक दिन अलग-अलग भोजन देने की व्यवस्था की गई है. जिसमें फल, दाल-चावल, मौसमी सब्जियां-रोटी, उबला दूध सहित अन्य खाने का सामान दिया जाता है.
पथरदेवा ब्लॉक के रामधारी पांडेय इंटर कॉलेज में जूनियर वर्ग में 94 बच्चों का नामांकन है. जिस दिन यह वीडियो बनाया गया था उस दिन 46 बच्चे स्कूल में मौजूद थे. इंटर कॉलेज में खाना बनाने वाली रेनू देवी से इस खाने के बारें पूछा गया तो उसने कहा कि '' स्कूल में बच्चों को मिड डे मील खिलाने के लिए तीन पाव दाल मिला. इसमे 46 बच्चों को कहां से खिला दें. यहां दूध, केला नहीं मिलता है. एक किलो आलू, एक किलो बैंगन आता है तो कहां से खिलाएं.''