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मिग-29के फाइटर जेट अब रैम्पेज मिसाइल से लैस, कई गुना बढ़ी भारतीय नौसेना की मारक क्षमता

हवा से जमीन पर मार करने वाली रैम्पेज मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता और बढ़ गई है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक में इस्तेमाल की गई स्पाइस-2000 से भी ज्यादा है. हाई-स्पीड लो ड्रैग-मार्क 2 मिसाइल के नाम से मशहूर रैम्पेज मिसाइल को इजरायल ने विकसित किया है. 

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MiG-29K फाइटर जेट अब रैम्पेज मिसाइल से लैस
MiG-29K फाइटर जेट अब रैम्पेज मिसाइल से लैस

भारतीय नौसेना ने मिग-29K लड़ाकू विमान की मारक क्षमता को बढ़ाया है, जिसमें रैम्पेज एयर टू ग्राउंड मिसाइल को शामिल किया गया है, जो 250 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है. नौसेना के अधिकारियों ने आजतक को बताया कि इस महीने नौसेना ने मिसाइल को सफलतापूर्वक अपने बेड़े में शामिल किया.

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भारतीय लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता बढ़ी

हवा से जमीन पर मार करने वाली रैम्पेज मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता और बढ़ गई है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक में इस्तेमाल की गई स्पाइस-2000 से भी ज्यादा है. हाई-स्पीड लो ड्रैग-मार्क 2 मिसाइल के नाम से मशहूर रैम्पेज मिसाइल को इजरायल ने विकसित किया है. 

इजरायल ने ईरान के खिलाफ किया इस्तेमाल
 
हाल के दिनों में, इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए इसका इस्तेमाल किया है. भारतीय नौसेना ने हाल ही में 22 जनवरी को 150 किलोग्राम पेलोड क्षमता वाले स्वदेशी रूप से विकसित 'एयर ड्रॉपेबल कंटेनर' का सफल परीक्षण भी किया. 

यह कंटेनर युद्धपोतों को समुद्र में ही आवश्यक सामान पहुंचाने में मदद करेगा. डीआरडीओ की तीन प्रयोगशालाओं ने मिलकर इसे बनाया है. नौसेना लगातार अपनी हवाई और समुद्री क्षमताओं को बढ़ा रही है ताकि बढ़ती समुद्री चुनौतियों का सामना किया जा सके.

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