तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनके 'सनातन धर्म' वाले बयान को लेकर बेंगलुरु की एक अदालत ने तलब किया है. बेंगलुरु में जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने स्थानीय याचिकाकर्ता परमेश की शिकायत पर मंत्री को तलब किया है. कोर्ट ने उन्हें 4 मार्च को होने वाली सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए समन जारी किया है. उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं, उन्होंने पिछले साल सनातन धर्म की तुलना 'डेंगू' और 'मलेरिया' से की थी. इसके बाद बवाल मच गया था.
बता दें कि सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है, और इसका "उन्मूलन" किया जाना चाहिए. अपने बयान पर आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद उदयनिधि स्टालिन ने अपनी बात पर कायम रहते हुए कहा कि वह हमेशा सनातन धर्म का विरोध करेंगे.
याचिकाकर्ता परमेश की ओर से पेश वकील धर्मपाल ने कहा कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में भाग लिया था, जिसमें सनातन धर्म का विरोध किया गया था. उन्होंने सनातन धर्म के बारे में एक टिप्पणी की थी, जिसमें दावा किया गया कि सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया की तरह बाहर निकालना होगा. हालांकि उदयनिधि अपने रुख पर कायम हैं और वह अपने उस बयान को दोहरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अदालत में भी इसका सामना करेंगे.
शिकायत में कहा गया था कि राम मंदिर के उद्घाटन के साथ बहुत अधिक भक्ति और जागरूकता बढ़ी है. ऐसे समय में इस तरह के बयानों से हिंदू धर्म के लोगों और विभिन्न धर्मों के कुछ अन्य लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं. परमेश की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर कोर्ट ने समन जारी कर मंत्री को 4 मार्च को पेश होने को कहा है.