इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) और इसके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्टिकल ग्रोक को चैटबॉट पर कथित तौर पर हिंदी स्लैंग का इस्तेमाल करने के लिए नोटिस नहीं भेजा है. एक सरकारी सूत्र ने बताया कि मंत्रालय प्लेटफॉर्म के साथ बातचीत कर रहा है कि यह किस कानून का उल्लंघन कर रहा है.
सूत्रों ने कहा कि Meity के अधिकारी एक्स के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और जांच कर रहे हैं कि किस स्तर पर इसने विशेष रूप से उल्लंघन किया है और किस भारतीय कानून का उल्लंघन किया गया है. उन्होंने बताया कि MeiTY द्वारा सोशल मीडिया को भेजे गए पिछले परामर्श अभी भी मान्य हैं.
नहीं भेजा कोई नोटिस
एक सूत्र ने कहा, "Meity ने ग्रोक या एक्स को कोई नोटिस नहीं भेजा है. Meity एक्स और ग्रोक के साथ बातचीत कर रहा है ताकि यह समझ सके कि यह किस कानून का उल्लंघन कर रहा है." ग्रोक के अनुसार, यह चैटबॉट अक्सर बिना किसी मानवीय दखल के सवालों के जवाब देता है और उपयोगी जानकारी प्रदान करता है.
यह भी पढ़ें: 'भारत सरकार IT एक्ट के जरिए ब्लॉक कर रही कॉन्टेंट...', कर्नाटक हाई कोर्ट में एलॉन मस्क की X ने दी याचिका
चैटबॉट के अनुसार इसका लक्ष्य उपयोगकर्ताओं की सहायता करना है. वहीं सरकार की नीतियों का उद्देश्य देश में यूजर्स के लिए एक खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस साल जनवरी में, एक सुरक्षित इंटरनेट के संबंध में हितधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया.
X ने हाईकोर्ट में दायर किया केस
इस कार्यक्रम में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत शिकायत निवारण ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा करने के लिए जीएसी सदस्य, सोशल मीडिया मध्यस्थ और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी एक साथ आए.
आपको बता दें कि एलॉन मस्क के स्वामित्व वाली सोशल मीडिया कंपनी 'X' ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. कंपनी ने तर्क दिया है केंद्र सरकार द्वारा उसके प्लेटफॉर्म पर कॉन्टेंट ब्लॉक करने के लिए आईटी एक्ट का मनमाने ढंग से उपयोग करने से देश में उसके कामकाज की क्षमता को नुकसान पहुंच रहा है और अनचाही सेंसरशिप पैदा हो रही है.