बांग्लादेश में ISKCON के धर्मगुरु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत सरकार का बयान आ गया है. विदेश मंत्रालय ने उनकी गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न मिलने पर चिंता जताई है.
विदेश मंत्रालय ने कहा,'यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों के हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमलों के बाद घटी है. वहां अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं.
MEA ने कहा,'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए हक मांगने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. हम चिन्मय दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही हम अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं.'
'अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील'
विदेश मंत्रालय ने कहा,'हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं. इसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है.'
कट्टरपंथियों की हिंसा का शिकार हो रहे हिंदू आज चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में मेट्रोपोलिटन कोर्ट में इकट्ठा हुए थे. लेकिन यहां पर हिंदू समुदाय के लोकों पर आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं गईं.
जेल जाते समय बोले चिन्मय प्रभु- आंदोलन जारी रखें
बता दें कि चिन्मय प्रभु को 25 नवंबर की दोपहर ढाका के हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. अदालत में पेश किए जाते समय चिन्मय दास ने मीडिया से कहा कि बांग्लादेश के हिंदुओं से उनकी अपील है कि वे अपने आंदोलन की प्रक्रिया को योजना के मुताबिक जारी रखें.