scorecardresearch
 

'LAC पर चीन के हाईवे प्लान' को लेकर आया विदेश मंत्रालय का बयान, कही ये बात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन अरुणाचल प्रदेश के ल्हुंज काउंटी के नजदीक हाइवे बनाने की योजना बना रहा है. चीन इसके दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है. खबर में कहा गया था कि पिछले हफ्ते जारी की गई योजना के तहत, जी-695 नाम से जाने जा रहे इस हाईवे के कोना काउंटी से होकर गुजरने की उम्मीद है.

Advertisement
X
सांकेतिक तसवीर
सांकेतिक तसवीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मीडिया रिपोर्ट्स में किया गया चीन के प्लान का दावा
  • भारत-चीन के बीच हो चुकी है 16 दौर की बातचीत

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के नए हाईवे बनाने की योजना पर विदेश मंत्रालय का बयान आया है. MEA ने कहा है कि सरकार सभी घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है. दरअसल, हांगकांग से प्रकाशित होने वाले ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने रिपोर्ट में दावा किया था कि तिब्बत की ल्हुंज काउंटी से शिंजियांग क्षेत्र में काशगर स्थित माझा तक जाने वाला यह हाईवे नये राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रस्तावित 345 निर्माण योजनाओं में शामिल है. इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2035 तक कुल 4,61,000 किमी लंबा हाईवे और मोटरवे बनाना है.

Advertisement

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि ल्हुंज काउंटी, अरूणाचल प्रदेश का हिस्सा है. चीन इसके दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है. खबर में कहा गया था कि पिछले हफ्ते जारी की गई योजना के तहत, जी-695 नाम से जाने जा रहे इस हाईवे के कोना काउंटी से होकर गुजरने की उम्मीद है. ये वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के ठीक उत्तर में पड़ता है. काम्बा काउंटी की सीमा सिक्किम से लगी हुई है और गयीरोंग काउंटी नेपाल की सीमा के करीब है. यह प्रस्तावित हाईवे तिब्बत, नेपाल व भारत के बीच स्थित बुरांग काउंटी और नगारी प्रांत के जांदा काउंटी से भी होकर गुजरेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम चीनी पक्ष के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता और सामान्य स्थिति रखने सहित कई मुद्दों को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य चल रही है. बता दें कि 17 जुलाई को भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वीं दौर की चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित की गई थी. 11 मार्च 2022 को हुई पिछली बैठक में प्रगति के आधार पर दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर समाधान के लिए चर्चा जारी रखी थी.

Advertisement

अब तक 16 दौर की हो चुकी है बातचीत

दोनों देशों ने अब तक लद्दाख में सैनिकों को हटाने के लिए 16 दौर की बातचीत की है. दोनों देशों के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच रविवार को 16वें दौर की बातचीत में पता चला कि भारतीय डेलीगेशन ने देपसांग बुलगे और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान की मांग की. भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

रूसी जहाज को छोड़ दिया गया: MEA

विदेश मंत्रालय ने रूस के जहाज को हिरासत में लिए जाने पर कहा कि यह एक कमर्शियल विवाद था. विदेशी पक्ष और जहाज मालिक के बीच बकाया भुगतान का मुद्दा था. भुगतान के बाद जहाज को जाने की अनुमति दे दी गई. वहीं, श्रीलंका पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम श्रीलंका का समर्थन करते रहेंगे. लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहेंगे.

Advertisement
Advertisement