लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में जबसे बगावत हुई है, चिराग पासवान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. चिराग पासवान को 12 जनपथ स्थित सरकारी आवास खाली करना पड़ सकता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान के नाम पर यह बंगला अलॉट था.
उनके निधन के बाद से ही चिराग पासवान अपनी मां के साथ यहीं रहते हैं. शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संपदा निदेशालय ने 14 जुलाई को बंगला खाली करने का नोटिस चिराग को भेजा था. चिराग पासवान ने बंगला खाली करने लिए कुछ और मोहलत मांगी थी.
चिराग पासवान ने निदेशालय से यह सवाल किया था कि क्या वे पिता की मृत्यु की पहली बरसी तक 12 जनपथ स्थिति मौजूदा सरकारी बंगला अपने पास रख सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि चिराग पासवान की मांग ठुकराई जा रही है.
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कई मंत्रियों के पास नहीं हैं बंगला
दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कई मंत्रियों के पास मंत्रियों वाला बंगला अभी तक नहीं है. कई मंत्रियों की नजर लुटियन्स जोन में बने इस बंगले पर है. पारिवारिक कलह से परेशान चिराग पासवान की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं.
पशुपति पारस नहीं लेंगे रामविलास पासवान का बंगला!
चिराग पासवान के चाचा और राम विलास पासवान के भाई केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस यह बंगला लेने से यह कहते हुए इनकार कर चुके हैं कि इससे गलत सियासी संदेश जाएगा. हालांकि चिराग पासवान को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर पशुपति कुमार पारस यह साफ कर चुके हैं कि पिता की बनाई पार्टी में चिराग के लिए जगह नहीं है.
पार्टी में ही पराए हुए चिराग पासवान!
बिहार के विधानसभा चुनावों में मजबूती से लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से दम ठोंकने वाले चिराग पासवान, अब अपनी पार्टी से ही बेघर हो गए हैं. उनके चाचा पशुपति पारस ने लोक जनशक्ति पार्टी के 5 सांसदों को अपने साथ मिलाकर पार्टी पर अपना अधिकार जताया है. पशुपति पारस खुद ही लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए हैं. और तो और, चिराग पासवान के छोटे भाई प्रिंस राज को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. लेकिन चिराग पासवान, अब एक अदद बंगला बचाने की जंग लड़ रहे हैं.