केंद्रीय कैबिनेट का आज विस्तार होना है और इस बार के विस्तार को सबसे अहम माना जा रहा है. अगले साल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में मोदी कैबिनेट के विस्तार (Modi Cabinet Expansion) में इन राज्यों पर फोकस देखने को मिल सकता है, साथ ही भाजपा (BJP) जहां पर मजबूत है या फिर जहां सहयोगियों को मौका देना है, उन राज्यों की छाप भी देखने को मिल सकती है.
उत्तर प्रदेश समेत चुनावी राज्यों पर फोकस
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव है, ऐसे में सियासी समीकरण को साधने के लिए यूपी को कैबिनेट विस्तार में बड़ी जगह मिल सकती है. क्षेत्रीय, जातीय समीकरणों को यहां से साधा जा सकता है, साथ ही 2022 के साथ-साथ 2024 के लिए भी पिच को तैयार किया जाएगा. यूपी से आने वाले वरुण गांधी, प्रवीण विषाद, अनुप्रिया पटेल, राजेंद्र अग्रवाल जैसे नामों की कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चा है.
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बिहार और मध्य प्रदेश को मिलेगी जगह
बिहार (Bihar) में भाजपा नीतीश कुमार की पार्टी के साथ सत्ता में है. 2019 में दोनों दलों के बीच बात नहीं बन पाई थी, ऐसे में जदयू केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं हुई थी. लेकिन अब जदयू के नेताओं को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
माना जा रहा है कि जदयू (JDU) ने चार पदों को मांगा है, हालांकि ये देखने वाला होगा कि कितने मंत्रालय जदयू को मिलते हैं. जदयू के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
वहीं, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस की सरकार को गिरवाकर भाजपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को इनाम मिल सकता है. भाजपा पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेज चुकी है, अब उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया जा सकता है.
और किन राज्यों पर रहेगी नज़र..
कैबिनेट विस्तार में महाराष्ट्र (Maharshtra) से नारायण राणे को मौका मिल सकता है. महाराष्ट्र में लगातार राजनीतिक हलचल जारी है, साथ ही मराठा आरक्षण का मुद्दा गर्म भी है. ऐसे में यहां से बीजेपी अपने वरिष्ठ नेता को दिल्ली (Delhi) की राजनीति में ला रही है. वहीं, पश्चिम बंगाल में भाजपा का वर्चस्व बढ़ा है, ऐसे में यहां से युवा चेहरों को मौका मिल सकता है. इनमें शांतनु ठाकुर, निशीत प्रमाणिक का नाम शामिल है, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भी की जा सके.