9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग क्षेत्र में हुई झड़प के बाद विपक्षी नेता लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. सोमवार को ही AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को घेरने की कोशिश की. ओवैसी ने कहा कि चीन के मुद्दे पर हमने बफर जोन बनाने की गलती की है. ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मोदी सरकार पारदर्शी नहीं है, वो आधा सच कहते हैं. वे भ्रामक तथ्य बताते हैं.
AIMIM प्रमुख ने सेना को बहादुर बताते हुए भी सरकार को घेरा. वो बोले, हमारी सेना तो बहादुर है, लेकिन हमारी सरकार कमजोर है. ओवैसी ने कहा कि मैं संसद में बहस की मांग करता हूं. तमाम एकजुट विपक्ष इसकी मांग करता रहा है.
'गलवान के समय भी इन्होंने बोला था झूठ'
इसके अलावा ओवैसी ने पुराने मुद्दों पर भी सरकार को घेरा. वो बोले, क्या इस सरकार ने गलवान झड़प के दौरान देश से झूठ नहीं बोला है? सरकार संसद में बहस से क्यों भाग रही है, सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिए और तथ्यों को देश के सामने प्रकट करना चाहिए.
'चीन को लाल आंख और 56 इंज का सीना क्यों नहीं दिखाते PM'
उन्होंने कहा, 'सैटेलाइट इमेज ने दिखाया है, चीन LAC के साथ निर्माण कर रहा है, सरकार इसे स्वीकार क्यों नहीं कर रही है.' जरूरत इस बात की है कि यह सरकार चीन के मुद्दे को गंभीरता से ले. असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी को भी टारगेट किया और कहा कि पीएम मोदी चीन को लाल आंख और 56 इंच का सीना क्यों नहीं दिखा रहे हैं. भारत की LAC पर चीन की आक्रामकता पर सरकार को संसद में चर्चा की अनुमति देनी चाहिए.
कांग्रेस ने भी लगाया बहस से भागने का आरोप
यही आरोपी बीते दिन कांग्रेस ने भी लगाया था. कांग्रेस पार्टी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन से लगी सीमा पर स्थिति पर संसद में बहस से 'भागने' का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने कहा था कि इस मुद्दे पर जवाब प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री को. कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर सरकार से सवाल किए और कहा कि देश उनसे जवाब मांगता है और इसका हकदार है.