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यूपीए शासनकाल के आर्थिक कुप्रबंधन पर संसद में 'श्वेत पत्र' लाएगी मोदी सरकार? बजट सत्र 1 दिन आगे बढ़ा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान इस संबंध में घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार एक श्वेत पत्र पेश करेगी, जो यूपीए दशक और एनडीए दशक को कवर करेगा. इसमें यूपीए शासन के वित्तीय कुप्रबंधन और एनडीए शासन की वित्तीय समझदारी को दिखाने के लिए एक तुलनात्मक विश्लेषण होगा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूपीए सरकार के कार्यकाल के वित्तीय कुप्रबंधन पर संसद में श्वेत पत्र पेश कर सकती हैं. (Photo: Sansad TV)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूपीए सरकार के कार्यकाल के वित्तीय कुप्रबंधन पर संसद में श्वेत पत्र पेश कर सकती हैं. (Photo: Sansad TV)

संसद के चालू बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और 9 फरवरी तक समाप्त होना था, लेकिन अब यह 10 फरवरी तक चलेगा. इस बारे में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के 10 वर्षों के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक 'श्वेत पत्र' लाने वाली है. इसीलिए बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. मोदी सरकार इस 'श्वेत पत्र' के जरिए अपने और यूपीए सरकार के दौरान देश की आर्थिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन पेश कर सकती है. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान इस संबंध में घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार एक श्वेत पत्र पेश करेगी, जो यूपीए दशक और एनडीए दशक को कवर करेगा. इसमें यूपीए शासन के वित्तीय कुप्रबंधन और एनडीए शासन की वित्तीय समझदारी को दिखाने के लिए एक तुलनात्मक विश्लेषण होगा. अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के सत्ता छोड़ने के बाद देश की खराब आर्थिक स्थिति को उजागर करने के लिए दोनों सदनों में 'श्वेत पत्र' पेश करेंगी और बताएंगी की मौजूदा सरकार ने कैसे भारत की बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया है. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में दिया था संकेत

वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को अपने भाषण में कहा था, 'उन वर्षों का संकट दूर हो गया है, और हमने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर वापस लाया है. उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक लेने के उद्देश्य से, अब यह देखना उचित होगा कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं. इसके लिए सरकार सदन के पटल पर श्वेत पत्र रखेगी'. देश अप्रैल-मई में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है. ऐसे में 'श्वेत पत्र' सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक मौका भी देगा. संसद आमतौर पर वीकेंड पर नहीं चलती है, लेकिन अतीत में ऐसे उदाहरण हैं जब सदन की बैठक शनिवार को हुई है. इस बार भी ऐसा होने जा रहा है.

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क्या होता है श्वेत पत्र?

इंवेस्टोपीडिया के मुताबिक, 'श्वेत पत्र एक सूचनात्मक दस्तावेज़ है जो किसी कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन (NPO) द्वारा किसी समाधान, उत्पाद या सेवा की विशेषताओं को बढ़ावा देने या उजागर करने के लिए जारी किया जाता है, जो वह कंपनी या एनपीओ पेश करता है या पेश करने की योजना बना रहा है. श्वेत पत्र का उपयोग सरकारी नीतियों और कानूनों को प्रस्तुत करने और जनता की राय जानने की एक विधि के रूप में भी किया जाता है'. 

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