केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- असम, मणिपुर और नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का निर्णय किया है. इस फैसले को गृह मंत्री अमित शाह ने ऐतिहासिक बताते हुए कि कहा कि मोदी सरकार ने शांत और समृद्ध उत्तर-पूर्व भारत की परिकल्पना को साकार सही मायनों में साकार किया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूर्वोत्तर भारत में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार की वजह से लिया गया है.
शाह का ट्वीट
शाह ने कहा, 'पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन! प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने एक बार फिर AFSPA के तहत नागालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है. यह निर्णय पूर्वोत्तर भारत में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के कारण लिया गया है. भारत के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी और इसके परिणामस्वरूप यह क्षेत्र अब शांति और विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है.'
शाह ने कहा, 'पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन में यह सकारात्मक परिवर्तन लाने और इस क्षेत्र को पूरे भारत के साथ दिल से जोड़ने के लिए मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ, इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के हमारे बहनों और भाइयों को बधाई.'
1 अप्रैल से लागू होगा फैसला
मोदी सरकार द्वारा सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण AFSPA के अंतर्गत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को त्रिपुरा से 2015 में और मेघालय से 2018 में पूरी तरह से हटा लिया गया था. संपूर्ण असम में वर्ष 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू था. 01 अप्रैल, 2022 से असम के 9 जिलों तथा एक जिले के एक सब-डिविजन को छोड़कर शेष पूरे असम राज्य से AFSPA के अन्तर्गत अशांत क्षेत्रों को हटा लिया गया था. अब 01अप्रैल 2023 से अशांत क्षेत्रों में ओर कमी करते हुए इसे मात्र 8 जिलों तक सीमित कर दिया गया है.
क्या होता है AFSPA?
AFSPA को अशांत इलाकों में लागू किया जाता है. ऐसे इलाकों में सुरक्षाबलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत होती है और कई मामलों में बल प्रयोग भी किया जा सकता है. पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए 11 सितंबर 1958 को इस कानून को पास किया गया था. 1989 में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा तो यहां भी 1990 में अफस्पा लागू कर दिया गया. अब ये अशांत क्षेत्र कौन होंगे, ये भी केंद्र सरकार ही तय करती है.अफस्पा केवल अशांत क्षेत्रों में ही लागू होता है.