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राहुल गांधी को सजा से राहत तक... मोदी सरनेम केस में 134 दिन की कानूनी जंग की पूरी कहानी

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' को लेकर बयान दिया था. इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है.

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राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

'मोदी सरनेम' वाले बयान पर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा और दोष सिद्धि पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसी फैसले के साथ राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी बहाल हो जाएगी.

दरअसल, मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. अब 134 दिन बाद इस केस में राहुल गांधी की सजा पर SC ने रोक लगा दी. हालांकि, इन 134 दिनों में राहुल गांधी ने 2 और अदालतों का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, उन्हें राहत नहीं मिली थी.आइए जानते हैं केस की पूरी टाइमलाइन...

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फिर संसद में लौटेंगे राहुल, लड़ पाएंगे 2024 का चुनाव... समझें मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के मायने
 

Rahul Gandhi Modi surname remark case timeline: 
 
13 अप्रैल 2019 को दिया था बयान: राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?'' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

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23 मार्च 2023- निचली अदालत ने सुनाई सजा: राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई.

24 मार्च 2023- राहुल की सदस्यता हुई रद्द: राहुल की संसद सदस्यता रद्द राहुल को कोर्ट से दोषी ठहराने जाने के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे. दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं.

20 अप्रैल- सेशन कोर्ट से राहुल को लगा झटका : राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सूरत सेशन कोर्ट का रुख किया था. सेशन कोर्ट ने राहुल की याचिका खारिज करते हुए कहा, सांसद और देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के पूर्व प्रमुख होने के नाते राहुल गांधी को अधिक सावधान रहना चाहिए था.

राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, मोदी सरनेम केस में बड़ा फैसला
 

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25 अप्रैल- हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा : राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

7 जुलाई 2023- राहुल को गुजरात हाईकोर्ट से लगा झटका:  गुजरात हाई कोर्ट ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी की ओर से सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही माना था.

15 जुलाई- सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी: राहुल गांधी मोदी सरनेम मामले में मिली सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.

4 अगस्त 2023- राहुल को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत : सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा और दोष सिद्धि पर रोक लगा दी है. 
 


 

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