राजभवन की एक महिला कर्मचारी की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गुरुवार को आम लोगों को 2 मई के परिसर के सीसीटीवी फुटेज दिखाए. राजभवन के ग्राउंड फ्लोर पर सेंट्रल मार्बल हॉल में कुछ लोगों को 2 मई की शाम करीब 5:30 बजे के मुख्य (उत्तरी) गेट पर लगे दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिखाई गई.
फुटेज में पुलिस चौकी की ओर जाती दिखी महिला
राजभवन में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने शुक्रवार को कोलकाता पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. उसने आरोप लगाया था कि बोस ने 24 अप्रैल और 2 मई को गवर्नर हाउस में उसके साथ छेड़छाड़ की. बोस ने बुधवार को कहा था कि वह 'राजनेता' ममता बनर्जी और 'उनकी' पुलिस को छोड़कर आम लोगों को फुटेज दिखाएंगे.
एक घंटे से भी ज्यादा लंबी फुटेज में नीली जींस और टॉप पहने महिला को पुलिस चौकी की ओर जाते देखा गया. उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्धारित यात्रा के लिए राजभवन परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे.
92 लोगों ने जाहिर की इच्छा
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, 'कम से कम 92 लोगों ने हमें मेल या फोन करके सीसीटीवी फुटेज देखने की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि सिर्फ कुछ ही लोग आए. इसका उद्देश्य यह था कि लोग खुद घटना का मूल्यांकन करें.' वीडियो देखने वाले एक विजिटर प्रोफेसर तुषार कांति मुखर्जी ने कहा कि उन्हें महिला के व्यवहार में कोई असामान्यता नजर नहीं आई.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई नेताओं ने 2 मई को दावा किया था कि राजभवन में काम करने वाली एक महिला ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. दूसरी तरफ राज्यपाल ने इन आरोपों से इनकार किया और इन्हें "इंजीनियर्ड नैरेटिव" कहा है.