Monkeypox in India: देश पर अब दोहरा खतरा मंडराने लगा है. एक ओर कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी ओर मंकीपॉक्स का डर भी बढ़ता जा रहा है. अब तक मंकीपॉक्स के 80 देशों में 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. भारत में भी 8 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 5 मरीज केरल और 3 दिल्ली में मिले हैं. एक मरीज की मौत भी मंकीपॉक्स से हो चुकी है.
मंकीपॉक्स और कोरोना के खतरे के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक एडवाइजरी भी जारी की है. इसमें मंकीपॉक्स से बचने के लिए 'क्या करें और क्या नहीं करें' की जानकारी दी गई है.
देश में मंकीपॉक्स की वजह से कोरोना जैसे हालात न बनें, इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सरकार ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर भी निकाला है. इससे पहले पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने मंकीपॉक्स वायरस का स्ट्रेन अलग कर लिया है. इसका इस्तेमाल वैक्सीन और डायग्नोस्टिक किट बनाने में किया जाएगा.
मंकीपॉक्स और कोरोनाः कैसे बढ़ रहा खतरा?
- कोरोनाः देश में 24 घंटे में कोरोना के 17 हजार 135 नए मामले सामने आए हैं. ये आंकड़ा सोमवार की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा है. 24 घंटे में 47 मरीजों की मौत भी हुई है. सबसे ज्यादा 1886 मरीज महाराष्ट्र में सामने आए हैं. उसके बाद कर्नाटक में 1736, दिल्ली में 1506, तमिलनाडु में 1302 और केरल में 1057 संक्रमित मिले हैं. डेली पॉजिटिविटी रेट 3.69% और वीकली पॉजिटिविटी रेट 4.67% तक पहुंच गया है.
- मंकीपॉक्सः ये वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 14 जुलाई को पहला मामला सामने आया था और अब तक 8 मामले सामने आ चुके हैं. केरल में 5 और दिल्ली में 3 मरीज मिले हैं. 30 जुलाई को 22 साल के एक युवक की मौत के बाद उसमें मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी. कर्नाटक में भी एक संदिग्ध मरीज मिला है, जिसकी टेस्ट रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. दिल्ली, उत्तराखंड, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्य अलर्ट पर हैं.
'डबल अटैक' से बचने के लिए क्या करें?
- कोरोना और मंकीपॉक्स के 'डबल अटैक' से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा था कि मंकीपॉक्स को फैलने से रोका जा सकता है. WHO का कहना है कि अगर लोग सावधानी बरतें तो मंकीपॉक्स को फैलने से रोक सकते हैं.
- मंकीपॉक्स और कोरोना, दोनों ही संक्रामक बीमारियां हैं. यानी एक संक्रमित व्यक्ति दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है. इसलिए इससे बचना जरूरी है. आसपास कोई भी संक्रमित है या किसी में लक्षण हैं, तो उससे दूरी बनाकर ही रखें.
- कोरोना से बचाव के लिए तो अब वैक्सीन आ गई है, लेकिन मंकीपॉक्स की कोई अलग से वैक्सीन नहीं है. चूंकि, मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर चेचक जैसी ही बीमारी होती है, इसलिए चेचक की वैक्सीन इस पर असरदार है.
मंकीपॉक्सः क्या करें और क्या नहीं?
क्या करें?
1. संक्रमित मरीजों से खुद को दूर रखें.
2. हाथों को पानी या साबुन से धोएं या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें.
3. जब संक्रमित व्यक्ति पास हो तो मास्क और ग्लव्स पहनकर रखे.
क्या नहीं करें?
1. संक्रमित व्यक्ति के चादर, तौलिया या बिस्तर इस्तेमाल न करें.
2. संक्रमित के इस्तेमाल किए हुए कपड़े गैर संक्रमित व्यक्तियों के कपड़ों के साथ न धोएं.
3. अगर मंकीपॉक्स का लक्षण दिख रहा है तो सार्वजनिक जगहों या कार्यक्रमों में न जाएं.
मंकीपॉक्स-कोरोनाः दोनों वायरस कितने अलग?
दोनों के वायरस पूरी तरह अलग हैं. कोरोना वायरस SARS-COV-2 के कारण होता है. जबकि, मंकीपॉक्स का वायरस Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्सवायरस है. Variola Virus भी इसी फैमिली है, जिससे चेचक होता है. SARS-COV-2 एक नया वायरस है, जो 2019 के आखिरी में फैलना शुरू हुआ था. जबकि, मंकीपॉक्स दशकों से हमारे बीच मौजूद है.