नूंह हिंसा के आरोपी मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने उसे राजस्थान पुलिस की कस्टडी में भेज दिया है. उससे नासिर-जुनैद हत्याकांड में पूछताछ की जाएगी. वहीं विश्व हिंदू परिषद ने मोनू मानेसर को 'निर्दोष गोभक्त' बताया है और आरोप लगाया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम वोटों के लिए मोनू मानेसर को गिरफ्तार कराया.
हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि गोरक्षक मोनू मानेसर को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. उस पर राजस्थान पुलिस ने फरवरी में दो मुस्लिम युवकों की हत्या का मामला दर्ज किया था. इसके अलावा उस पर हरियाणा में भी सांप्रदायिक नफरत भड़काने का आरोप है.
नूंह की एक कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंप दिया गया है. उसे नूंह पुलिस ने गुरुग्राम के मानेसर से ही गिरफ्तार किया था.
वहीं विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी पर कहा कि इसके लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि विहिप मोनू मानेसर को हर संभव मदद मुहैया कराएगी और जरूरत पड़ने पर उसकी गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करेगी.
मोनू मानेसर की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने राजस्थान पुलिस की कस्टडी में भेजा
वीएचपी ने मोनू मानेसर को लेकर क्या कहा?
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, "निर्दोष गोभक्त मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ समय पहले ही राजस्थान पुलिस ने निर्दोष माना था. चुनावों में मुस्लिम वोट बैंक के लिए गोभक्त मोनू की गिरफ्तारी हुई है, जो उन्हें बहुत भारी पड़ेगा. विश्व हिंदू परिषद गोभक्त मोनू मानेसर को हर प्रकार से सहायता करेगी और आवश्कता पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे."
मोनू मानेसर पर हिंसा भड़काने का आरोप
मोनू मानेसर पर 31 जुलाई की घटना को भड़काने का आरोप लगाया गया था, जिसमें नूंह में भीड़ द्वारा विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को निशाना बनाया गया था. जिससे उस जिले और पड़ोसी जिले गुरुग्राम में छह लोगों की मौत हो गई थी.
राजस्थान पुलिस ने कोर्ट से मांगी थी कस्टडी
नूंह पुलिस ने जब मोनू मानेसर को कोर्ट में पेश किया तो उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसी बीच राजस्थान पुलिस ने कोर्ट से उसकी कस्टडी मांगी, जिसे जज ने मंजूर कर दिया. अब उससे भरतपुर के दीग पुलिस स्टेशन में पूछताछ होगी. यह पहले से साफ था कि मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद राजस्थान पुलिस कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर मोनू की कस्टडी मांग सकती है.
कौन है मोनू मानेसर?
मोनू मानेसर का पूरा नाम मोहित यादव है. वह मानेसर का रहने वाला है. यही वजह है कि वो अपने नाम में मानेसर लगाता है. उसके पिता की मौत हो चुकी है. उसका एक छोटा भाई और एक बहन है. मोनू मानेसर शादीशुदा है. उसके दो बच्चे भी हैं. वो पिछले 10-12 वर्षों से बजरंग दल से जुड़ा है. वह पिछले कुछ सालों से गो तस्करों से मुठभेड़ के मामलों में शामिल पाया गया. शातिर मोनू पर एक युवक को गोली मारने का भी आरोप लग चुका है. इस मामले में वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है. मोनू काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का सदस्य भी बताया जाता है.
नूंह हिंसा में आया था मोनू का नाम
नूंह में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा से पहले मोनू मानेसर का एक वीडियो सामने आया था. इसमें वह नूंह (मेवात) के अंदर बृजमंडल यात्रा में शामिल होने की बात करता है, लोगों से भी वहां आने की बात कहता है. इसके बाद बृजमंडल यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा हो जाती है. इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी.
राजस्थान में दर्ज हुई थी FIR
इससे पहले फरवरी में मोनू मानेसर के खिलाफ राजस्थान में FIR दर्ज हुई थी. दरअसल, भरतपुर के निवासी नासिर (25), जुनैद (35) को कार में जिंदा जलाकर मार डाला गया था. ये हत्याकांड हरियाणा के भिवानी में हुआ था. आरोप है कि कथित गो-रक्षकों ने इन दोनों को किडनैप किया था और फिर हत्याकांड को अंजाम दिया. इस साजिश में मोनू मानेसर का भी नाम आया था.