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देश का मिजाजः चीन-पाक गठजोड़ से चिंता में हैं लोग, नहीं दिखता अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार

सर्वे में क्या चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का सबब है, इस पर 63 फीसदी लोग मानते हैं, हां ऐसा है. 29 फीसदी लोग कहते हैं कि ऐसा नहीं है. जबकि 8 फीसदी लोग कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है. इस तरह से हर 3 में से 2 लोग भारत की सुरक्षा को लेकर इस गठजोड़ से चिंतित हैं.

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अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा भारत के लिए हमेशा चिंता का विषय रहा है (सांकेतिक-पीटीआई)
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा भारत के लिए हमेशा चिंता का विषय रहा है (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 52% लोग मानते हैं बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से फायदा होगा
  • 48% की राय, पाक आतंकवाद के खिलाफ एक्शन ले फिर हो बातचीत
  • सर्वे में चीन और पाक के बीच गठजोड़ से 63 फीसदी लोग चिंतित

चीन के साथ सीमा विवाद के बीच उसकी पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियां भारत के लिए चिंता का सबब है. देश का मिजाज सर्वे में लोग चीन और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ से चिंतित हैं. साथ ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि में कोई सुधार नहीं दिखता. 

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देश का मिजाज सर्वे में 52 फीसदी लोग मानते हैं कि जो बाइडेन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से भारत को फायदा होगा. 22 फीसदी को ऐसा नहीं लगता जबकि 26 फीसदी लोग कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं. हालांकि बहुमत बाइडेन को लेकर सकारात्मक सोच के साथ है.

अब यह जानने की कोशिश करते हैं कि भारत को पाकिस्तान के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए. इसमें 48 फीसदी लोग कहते हैं कि पाकिस्तान पहले आतंकवाद के खिलाफ एक्शन ले फिर भारत को बात करनी चाहिए. 23 फीसदी लोग पाक के साथ बातचीत के पक्षधर नहीं हैं. 22 फीसदी लोगों की राय है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत होती रहनी चाहिए.

चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का सबब है, इस पर 63 फीसदी लोग मानते हैं, हां ऐसा है. 29 फीसदी लोग कहते हैं कि ऐसा नहीं है. जबकि 8 फीसदी लोग कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं. इस तरह से हर 3 में से 2 लोग भारत की सुरक्षा को लेकर इस गठजोड़ से चिंतित हैं.

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि कैसी

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि किस तरह की है, 46 फीसदी लोग कहते हैं कि 1 साल पहले की तुलना में सुधार हुआ है. 34 फीसदी लोगों का मानना है कि स्थिति जस की तस है और 14 फीसदी लोगों की राय है कि 1 साल की तुलना में छवि में गिरावट आई है. इस तरह से सर्वे में 48 फीसदी लोगों की राय है कि छवि में सुधार नहीं हुआ है.

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चीन और पाकिस्तान के अलावा अन्य पड़ोसी मुल्कों (नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका) के साथ भारत के रिश्ते कैसे रहे हैं, सर्वे में शामिल लोगों में से 47 फीसदी मानते हैं कि रिश्तों में सुधार आया है. तो 36 फीसदी लोगों की राय है कि स्थिति पहले जैसी ही है तो 10 फीसदी कहते हैं कि गिरावट आई है. इस तरह से करीब 46 फीसदी लोगों की राय में अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंध में कोई सुधार दर्ज नहीं किया गया है.

इस सर्वे में 59 फीसदी लोगों ने माना कि भारत ने चीन को उसकी हरकत के लिए मुंहतोड़ तरीके से जवाब दिया है. जबकि 26 फीसदी लोगों की राय है कि भारत और बेहतर कर सकता था. तो वहीं 9 फीसदी मानते हैं कि भारत ने इसे अच्छी तरह से हैंडल नहीं किया. हर 5 में से करीब 3 नागरिकों को लगता है कि भारत ने चीन के साथ हालिया झड़पों को हैंडल करने को लेकर मुंहतोड़ जवाब दिया है.

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अर्थव्यवस्था पर सरकार का प्रदर्शन 'अच्छा'
देश का मिजाज सर्वे के जरिए अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार के प्रदर्शन पर राय जानने की कोशिश की गई. इस सर्वे में 46 फीसदी लोग इसे अच्छा मानते हैं तो 20 फीसदी लोग बेहतरीन करार देते हैं. वहीं 21 फीसदी लोगों की राय है कि औसत प्रदर्शन रहा है. 10 फीसदी लोग इसे खराब करार देते हैं.

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच यह सर्वे कराया गया है. सर्वे के जरिए यह भी जानने की कोशिश की गई कि मोदी सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानून के बारे में क्या राय है.

कृषि कानूनों के बारे में 34 फीसदी लोग मानते हैं कि ये कानून किसानों की मदद करेंगे तो 32 फीसदी लोगों का मानना है कि सिर्फ कॉरपोरेट की मदद करेंगे. 25 फीसदी लोगों की राय है कि ये कानून दोनों पक्षों की मदद करेंगे. 

आजतक/इंडिया टुडे ने देश का मिजाज यानी मूड ऑफ द नेशन (MOTN) पोल मार्केट रिसर्च एजेंसी कार्वी इनसाइट्स के साथ मिलकर किया. सर्वे के जरिए लोगों की राय 3 जनवरी से 13 जनवरी, 2021 के बीच ली गई. इस सर्वे में 12,232 लोगों को शामिल किया गया जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 67 फीसदी और शहरी क्षेत्रों के 33 फीसदी लोग शामिल किए गए थे. देश के 19 राज्यों में 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों में ये सर्वे किए गए थे.

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