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'INDIA प्राचीन शब्द लेकिन...', बोले मोरारी बापू, आदिपुरुष विवाद पर भी की टिप्पणी

क्या अध्यात्म वर्तमान में एक उद्योग बन गया है, इस सवाल के जवाब में मोरारी बापू ने कहा कि जो इसे धंधा समझते हैं, ये अपराध है. भय और लालच ही लोगों को गलत दिशा में ले जाता है. लेकिन अध्यात्म उद्योग नहीं है. सनातन धर्म के साथ होने वाले प्रयोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये धर्म इतना उदार है, कि क्षमा करता जा रहा है.

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धर्म गुरु मोरारी बापू ने आजतक के सीधी बात कार्यक्रम में कई सवालों के जवाब दिए (फाइल फोटो)
धर्म गुरु मोरारी बापू ने आजतक के सीधी बात कार्यक्रम में कई सवालों के जवाब दिए (फाइल फोटो)

Seedhi Baat with Morari Bapu: धर्म गुरु मोरारी बापू ने शनिवार को आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में सुधीर चौधरी के सवालों के जवाब दिए.  उन्होंने मोक्ष, रामकथा, सोशल मीडिया वाले गुरु समेत कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे सभी तीर्थ मोक्ष प्रदान करने वाले हैं. लेकिन मेरी दृष्टि में ईर्ष्या, द्वेष और निंदा से मुक्त होना ही मोक्ष है. साथ ही कहा कि मैं खुद के लिए मोक्ष नहीं मांगता. मैं बार-बार जन्म लेना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि रामकथा भक्ति दायिका, मुक्तिदायिका और शक्तिदायिका है. मैं अपने श्रोताओं से कहता हूं कि वह जो चाहें रामकथा से जो चाहें ले सकते हैं.

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मोरारी बापू से जब ये पूछा गया कि रामकथा क्या है, तो उन्होंने कहा  राम साधन नहीं बनना चाहिए, राम साध्य होना चाहिए, लेकिन अब उन्हें साधन बना लिया गया है. राम क्या हैं ये वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस बता सकती है. हम अपनी कल्पनाओं से श्रीराम और हनुमानजी के बारे में बताएं ये किसी के हित में नहीं है. 

मोरारी बापू ने सोशल मीडिया वाले गुरुओं को लेकर कहा कि इसका जवाब वही लोग बेहतर तरीके से दे सकते हैं कि वह खुद को क्या कहते हैं. मैं कोई गुरु नहीं हूं, मैं सिर्फ मोरारी बापू हूं. मैं भविष्यवक्ता नहीं हूं, न ही किसी के मन की कोई बात जानता हूं. मेरे कोई फॉलोवर्स नहीं हैं. मेरे सिर्फ फ्लावर हैं. ये मेरी व्यास वाटिका के सभी पुष्प हैं. 

'भय और लालच गलत दिशा में ले जाता है'

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क्या अध्यात्म वर्तमान में एक उद्योग बन गया है, इस सवाल के जवाब में मोरारी बापू ने कहा कि जो इसे धंधा समझते हैं, ये अपराध है. भय और लालच ही लोगों को गलत दिशा में ले जाता है. लेकिन अध्यात्म उद्योग नहीं है. मोरारी बापू से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में देश वापस अपनी संस्कृति की तरफ आया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ अच्छा तो हो रहा है. विकास ऐसा होना चाहिए जो पूरे समाज को विश्राम की ओर ले जाए. 

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन के नाम पर दिया ये जवाब

विपक्षी पार्टियों ने अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रख लिया है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया प्राचीन शब्द है, लेकिन मेरे मन में तो मेरा भारत वर्ष है. राजनीति के लिए कोई कुछ भी नाम रख ले, इस पर मुझे ज्यादा बात नहीं करनी.

'विवाद पैदा करने वाले संवादों का न करें इस्तेमाल'

हाल ही में आदिपुरुष फिल्म के डॉयलॉग पर काफी आपत्ति हुई. क्या आप भी इससे आहत हुए? इसके जवाब में मोरारी बापू ने कहा कि आहत तो नहीं हुआ, लेकिन इसपर दया आती है क्योंकि रामकथा संवाद की कथा है, इसमें विवाद हो ऐसे संवाद क्यों डाले जाएं. रामानंद सागर ने रामायण बनाई तो उन्होंने बहुत समझदारी से उसका चित्रण किया. विवाद पैदा करने वाले संवाद नहीं इस्तेमाल करने चाहिए. 

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सनातन धर्म पर क्या बोले मोरारी बापू?

सनातन धर्म के साथ होने वाले प्रयोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये धर्म इतना उदार है, कि क्षमा करता जा रहा है. सभी जानते हैं कि किसी और धर्म के लिए कहा जाए तो क्या हाल होता है. सनातन वैदिक परंपरा है. उन्होंने कहा कि धर्म बहती हुई गंगा है. संप्रदाय इसी में से निकले हैं. 

 

 

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