गुजरात के मोरबी में हुआ ब्रिज हादसा सैकड़ों परिवारों को जीवनभर का दुख दे गया. किसी ने अपने बच्चे खोए, तो किसी ने दोस्त. कोई अनाथ हुआ, तो किसी का पूरा परिवार ही काल के गाल में समा गया. अन्य हादसों की तरह मोरबी ब्रिज हादसे में भी सिर्फ अनसुलझे सवाल रह गए. इंसाफ जांच के फेर में फंस गया. पुलिस ने कुछ लोगों को आनन फानन में गिरफ्तार तो किया, लेकिन सवाल उठने लगे कि असली दोषी यानी ब्रिज की मरम्मत और मैनेजमेंट का ठेका लेने वाली कंपनी के मालिकों को छोड़ सिर्फ कुछ मैनेजर और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. आईए जानते हैं कि मौरबी हादसे के 100 घंटे बीत जाने के बाद अब तक क्या क्या हुआ?
श्मशान से कब्रिस्तान तक शव ही शव
मोरबी हादसे में 134 लोगों की मौत हुई है. हादसे के बाद मतृकों का श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार किया गया. श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में काम करने वाले लोगों का कहना है कि मोरबी में उन्होंने इस तरह का मंजर दशकों बाद देखा. मोरबी में सुन्नियों के कब्रिस्तान में काम करने वाले साजिद ने बताया कि हादसे में करीब 40 मुस्लिमों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि 25 को इस कब्रिस्तान में जबकि अन्य 14 को पास के दूसरे कब्रिस्तान में दफनाया गया. साजिद के मुताबिक, इससे पहले मोरबी में ऐसा मंजर 1979 में देखा गया था, जब मच्छु नदी पर बना डैम टूट गया था. तब 1439 लोगों की मौत हुई थी.
युसुफ और यूनुस शेख कब्रिस्तान में कब्रो को खोदने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने 25 में से 14 कब्रो को खोदा. उन्होंने बताया कि ये उनके लिए काफी असमान्य था, क्योंकि इससे पहले वे आमतौर पर 1 महीने में सिर्फ 20 कब्रों को खोदते थे.
मोरबी में एक श्मशान घाट की देखरेख करने वाले भीमा ठाकोर ने बताया कि उन्होंने 2 दिन में 11 लोगों का अंतिम संस्कार कराया. उन्होंने बताया कि यहां सोमवार को 9 जबकि मंगलवार को दो शव लाए गए. आमतौर पर एक हफ्ते में इस श्मशान में 1-2 अंतिम संस्कार ही होते हैं.
किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई- मोरबी पुलिस
मोरबी पुलिस ने इस मामले में ओरेवा कंपनी पर केस दर्ज किया है. मोरबी पुलिस ने घटनास्थल से सभी सीसीटीवी फुटेज और डीवीआर इकट्ठा किए. फुटेज में आने वाली भीड़ जाने वाले लोगों की संख्या और ब्रिज पर आए लोगों की मोमेंट का फॉरेंसिक एनालिसिस किया जाएगा. स्पेशल फॉरेंसिक टीम ब्रिज के सभी केबल का तकनीकी एनालिसिस करेगी. टेक्निकल एनालिसिस में केबल की सही क्षमता और उसकी गुणवत्ता की रिपोर्ट की जांच होगी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हर पहलू और मामले से जुड़े हर संबंधित व्यक्ति की जांच की जाएगी. प्राथमिक तौर पर उनकी गिरफ्तारी की गई है जो घटना से सीधे जुड़े हुए थे क्योंकि उनमें से कुछ लोगों ने मरम्मत का काम किया तो कुछ लोगों ने टिकट बेचे और बड़ी संख्या में लोगों को ब्रिज पर जाने दिया. कंपनी के मालिक या दूसरे बड़े लोगों हर जिम्मेदार लोगों खिलाफ जांच सबूतों के आधार पर चलती रहेगी. किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है. जांच सही दिशा में जा रही है. जैसे-जैसे रिपोर्ट और साक्ष्य मिलते रहेंगे जांच आगे बढ़ते रहेंगे.
मोरबी हादसे में 9 लोग गिरफ्तार
अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपी दीपक पारेख (ओरेवा कंपनी के मैनेजर ), दिनेशभाई महासुखराय दवे दिनेशभाई महासुखराय दवे, मनसुख बालजीभाई टोपिया (टिकट क्लर्क), मादेवभाई लाखाभाई सोलंकी (टिकट क्लर्क), कॉन्ट्रैक्टर प्रकाशभाई लालजीभाई परमार , कॉन्ट्रैक्टर देवांगभाई प्रकाशभाई परमार, सिक्योरिटी गार्ड अल्पेशभाई , दिलीपभाई और मुकेश भाई.