मुंबई में 2002-03 में तीन स्थानों पर हुए विस्फोटों की साजिश में शामिल प्रतिबंधित संगठन सिमी के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है. आतंकी की पहचान चनेपरम्बिल मोहम्मद बशीर उर्फ सीएएम बशीर के तौर पर हुई है, जो कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के शीर्ष आतंकी में से एक था. आतंकी को इंटरपोल द्वारा जारी एक आरसीएन (रेड कॉर्नर नोटिस) के आधार पर कनाडा से बाहर जाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था. बशीर के खिलाफ आरसीएन 2002-03 के विस्फोट मामले के लिए जारी किया गया था. यहां उस पर हत्या, आतंकवादी मामलों में साजिश सहित अन्य आरोप लगाए गए थे.
मुंबई पुलिस ने पिछले हफ्ते एर्नाकुलम में रहने वाली बशीर की बहन के रक्त के नमूने लेने की अनुमति के लिए एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. मुंबई पुलिस द्वारा शुरू की गई प्रत्यर्पण की जारी प्रक्रिया में बशीर की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए रक्त के नमूने लिए जा रहे थे. बशीर के खिलाफ आरसीएन 2002 दिसंबर मुंबई सेंट्रल स्टेशन विस्फोट, जनवरी 2003 विले पार्ले और मार्च 2003 मुलुंड ट्रेन विस्फोट के लिए जारी हुआ था. इन धमाकों में कुल 12 लोग मारे गए थे, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सिमी मॉड्यूल को अंजाम देते थे और बशीर द्वारा वित्तपोषित और अंजाम दिए गए थे.
बशीर केरल के कापरासेरी गांव का मूल निवासी है. उसका जन्म 1961 में हुआ था. उसने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है और अस्सी के दशक की शुरुआत से सिमी के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा था. इसके बाद वह केरल में सिमी का आतंकी बन गया. सूत्रों ने कहा कि वह सक्रिय रूप से कई युवाओं को प्रेरित करने में शामिल था और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सिमी के साथ काम करने के लिए कट्टरपंथी बनाता था. कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान उसने कश्मीरी मुसलमानों द्वारा अन्य धर्मों को निशाना बनाने के बारे में भी बयान दिए.
एजेंसियों ने यह भी दावा किया है कि बशीर कश्मीर और पंजाब राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ISI की योजना K2 (कश्मीर और खालिस्तान) का हिस्सा था. उसने नब्बे के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान की यात्रा भी की थी और ISI के दिए आतंकवादी प्रशिक्षण में भाग लिया था. तब वह पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण लेने और भारत में आतंकी हमले करने के लिए रंगरूटों को मुहैया कराने के लिए आईएसआई के संपर्क में था. वह अन्य विभिन्न आतंकवादियों का संचालक रहा है और बेंगलुरू और कुछ अन्य स्थानों पर हुए विस्फोटों में भी उसकी संलिप्तता थी.
अधिकारियों ने कहा कि बशीर का संबंध इंडियन मुजाहिदीन से भी रहा था और वह लंबे समय से मध्य पूर्वी देशों से संचालन कर रहा था. वह कनाडा कैसे पहुंचा और कब से कनाडा में था, इस बारे में ब्योरा मांगा जा रहा है, लेकिन 2011 के बाद से बशीर लो प्रोफाइल बना हुआ था. 2011 की मोस्ट वांटेड व्यक्तियों की सूची में, बशीर भारत की सूची में पचास मोस्ट वांटेड में से एक था. मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 को एर्नाकुलम में बशीर की बहन के ब्लड सैंपल लेने की इजाजत दे दी है.