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Mpox का बढ़ता खौफ! केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की एडवाइजरी

इससे पहले दिल्ली सरकार ने अपने तीन अस्पतालों में एमपॉक्स के लिए आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया था. दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों  एलएनजेपी, जीटीबी और बाबा साहेब अंबेडकर में आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया. 

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मंकी पॉक्स (फोटो: डब्ल्यूएचओ)
मंकी पॉक्स (फोटो: डब्ल्यूएचओ)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले और भारत में इसका पहला संदिग्ध केस सामने आने के बाद एडवाइजरी जारी की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर सभी संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने की सलाह दी है.

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इससे पहले दिल्ली सरकार ने अपने तीन अस्पतालों में एमपॉक्स के लिए आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया था. दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों  एलएनजेपी, जीटीबी और बाबा साहेब अंबेडकर में आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया. 

एमपॉक्स क्या है? 

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है. एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में की थी जब बंदरों में 'पॉक्स जैसी' बीमारी का प्रकोप हुआ था.

एमपॉक्स कैसे फैलता है? 

एमपॉक्स वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ संपर्क में आने से फैलता है. एमपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रामक त्वचा या मुंह या जननांगों जैसे अन्य घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में अधिकांश मामले उन लोगों में देखे गए हैं जो संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क में रहते थे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संक्रमण कपड़ों या लिनेन जैसी दूषित वस्तुओं के उपयोग, टैटू की शॉप, पार्लर या अन्य पब्लिक जगहों पर यूज होने वाली कॉमन चीजों से भी फैल सकता है. संक्रमित पशुओं से मनुष्यों को काटने, खरोंचने, खाने या जानवरों के साथ अन्य एक्टिविटी से भी यह वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है.

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क्या है इसके लक्षण

एमपॉक्स से संक्रमित लोगों को अक्सर शरीर पर दाने हो जाते हैं जो हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह या जननांगों के आसपास हो सकते हैं. ये दाने अंततः फुंसी (मवाद से भरे बड़े सफेद या पीले दाने) और ठीक होने से पहले पपड़ी बनाते हैं. इसके अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी शामिल है. वायरस से लड़ने की कोशिश करते समय लिम्फ नोड्स भी सूज सकते हैं और दुर्लभ मामलों में यह वायरस जानलेवा भी हो सकता है. इससे संक्रमित व्यक्ति शुरुआती लक्षण से दाने निकलने और फिर ठीक होने तक कई लोगों को संक्रमित भी कर सकता है.

लक्षण कितने दिन तक रहते हैं? 

रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के अंदर दिखना शुरू होते हैं. एमपॉक्स के संपर्क में आने और लक्षण दिखने का समय 3 से 17 दिन है. इस दौरान, व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते. लेकिन इस समय के पूरा होने के बाद वायरस का असर दिखने लगता है.

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