देश की राजधानी दिल्ली के LNJP अस्पताल में भर्ती Mpox (मंकी पॉक्स) के मरीज के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है. अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि एमपॉक्स एक डीएनए वायरस है और इसके चकत्ते आमतौर पर हथेलियों, तलवों और स्किन पर मैकुलोपापुलर घावों के रूप में दिखाई देते हैं, जो काफी बड़े होते हैं, ये अल्सरयुक्त चकत्ते और स्किन पर बड़े घावों में भी डेवलप हो सकते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एमपॉक्स मामले की पुष्टि करते हुए कहा था कि मरीज एक युवा पुरुष है, जो हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण वाले देश से यात्रा करके आया था, वर्तमान में उसे आइसोलेशन में रखा गया है. मरीज की हालत मेडिकल रूप से स्थिर है और उसे कोई बीमारी नहीं है.
मंत्रालय ने कहा कि यह एक अलग मामला है. जो जुलाई 2022 से पहले भारत में दर्ज किए गए 30 मामलों के समान है. यह वर्तमान में ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का हिस्सा नहीं है, जो एमपॉक्स के क्लेड 1 से संबंधित है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले महीने एमपॉक्स को अफ्रीका के कई हिस्सों में इसके व्यापक प्रसार को देखते हुए दूसरी बार पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.
बता दें कि हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय मरीज को 7 सितंबर को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह मामला पहले के जोखिम आकलन के अनुरूप है और प्रोटोकॉल के अनुसार इसका मैनेजमेंट जारी है. साथ ही कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और निगरानी सहित सभी पब्लिक हेल्थ उपाय एक्टिव रूप से लागू हैं.
केंद्र सरकार ने ग्लोबल एमपॉक्स प्रकोप के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी अधिकारियों से उचित सावधानी बरतने और एमपॉक्स के लक्षणों और रोकथाम के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया. यह चेतावनी ऐसे समय में दी गई है जब एमपॉक्स का नया स्ट्रेन दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण WHO को दो साल में दूसरी बार इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना पड़ा है.