आयकर विभाग ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. विभाग ने जेल में बंद गैंगस्टर अंसारी की लगभग 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति की पहचान कर ली है. विभाग जल्द ही उसकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी कर रहा है. लखनऊ आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति लेनदेन पर रोक अधिनियम इकाई ने उसकी 23 संपत्तियों की पहचान की है.
इंडिया टुडे/आज तक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने 'ऑपरेशन पैंथर' के नाम से ऑपरेशन शुरू किया था, जिसके तहत मुख्तार अंसारी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्तियों की पहचान की. अंसारी ने ये संपत्तियां अलग-अलग गैंग सदस्यों और सहयोगियों के नाम पर खरीदी थी.
इस ऑपरेशन में आयकर विभाग की बेनामी विंग के एडिशनल कमिश्नर ध्रुवपुरारी सिंह और उनकी टीम ने मुख्तार अंसारी से जुड़ी हुई कई संपत्तियों की कुर्की पर काम किया.
आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी की जिन संपत्तियों की पहचान की है, उनकी कुर्की के आदेश 11 अप्रैल को जारी किया गया है. इनमें से 12 करोड़ रुपये की एक संपत्ति गाजीपुर में गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदी गई.
गाजीपुर के गणेश दत्त उसी मोहल्ले में रहते हैं, जहां अंसारी का घर है. उन्हें रियल एस्टेट में अंसारी का विश्वासपात्र माना जाता है. इस जमीन सौदे में चेक नंबर्स का उल्लेख किया गया है लेकिन आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर आलोक कुमार सिंह को जांच में पता चला कि जमीन खरीद के लिए जिन चेक नंबर्स का उल्लेख किया है, वे चेक ना तो कभी डिपॉजिट हुए और ना ही कभी उन्हें भुनाया गया. इससे पता चलता है कि मुख्तार अंसारी के लिए गणेश दत्त के नाम पर यह बेनामी सौदा था.
आयकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ध्रुवपुरारी सिंह की अगुवाई में जांच टीम को यह भी पता चला कि 2014 में अंसारी के ससुर के स्वामित्व वाली कंपनी आगाज प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड ने एक राष्ट्रीयकृत बैंक से 1.60 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इस लोन के लिए सिक्योरिटी के तौर पर गणेश दत्त मिश्रा के नाम पर दर्ज संपत्ति दिखाई गई लेकिन उसका असल में इस कंपनी से कोई लेना-देना नहीं था. कंपनी के डायरेक्टर्स मुख्तार अंसारी की पत्नी और उसका बेटा है. इससे अंसारी के साथ मिश्रा के सीधे संबधों का पता चलता है कि वह अंसारी के लिए काम करता था और उसका बेनामीदार था.
इसी तरह ऑपरेशन पैंथर में बेनामी जांच इकाई ने गाजीपुर और अन्य शहरों में ऐसी 20 से अधिक संपत्तियों की पहचान की है, जहां अंसारी के गिरोह के लिए काम कर रहे सदस्यों के नाम पर जमीनें खरीदी गईं.