उत्तर प्रदेश में बड़े माफिया रहे मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. बांदा जेल में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया. यहां करीब 1 घंटे के इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है.
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 केस दर्ज हैं. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, सीएलए एक्ट से लेकर एनएसए तक शामिल है. इनमें से उसे 8 मामलों में सजा हो चुकी थी. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं, कोई इसे साजिश करार देते हुए जांच की मांग कर रहा है तो कोई इसे निंदनीय बता रहा है, मुख्तार अंसारी को लेकर किसने क्या कहा, देखिए यहां...
क्या बोले ओवैसी?
मुख्तार अंसारी के कार्डियेक अरेस्ट से मौत के बाद AIMIM सांसद Asaduddin Owaisi ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने X पर लिखे पोस्ट में मुख्तार अंसारी के इलाज को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया और इसे निंदनीय कहा. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि, 'इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही रजियून. अल्लाह से दुआ है के वो मुख़्तार अंसारी को मग़फ़िरह अदा करें, उनके ख़ानदान और उनके चाहने वालों को सब्र्-ए-जमील अदा करें. गाजीपुर की अवाम ने अपने चहीते बेटे और भाई को को खो दिया. मुख्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था के उन्हें ज़हर दिया गया था. बावजूद इसके, सरकार ने उनके इलाज पर तवज्जोह नहीं दिया।निंदनीय और अफसोसजनक.
पप्पू यादव ने कही ये बात
वहीं अभी हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव ने भी X पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने लिखा कि, 'पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी जी की सांस्थानिक हत्या. क़ानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है.
कांग्रेस ने की जांच की मांग
कांग्रेस ने मुख्तार अंसारी की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए इसकी जांच की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता, सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि, जिस तरीके से मुख्तार अंसारी ने कुछ दिन पहले हत्या की आशंका जताई थी कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है और अब उनकी मौत हो गई, तो उनकी यह बात पुष्ट होती हुई दिखाई दे रही है. प्रशासन निर्लज तरीके से कह रहा है कि हार्ट अटैक से मौत हुई है. शासन और प्रशासन यह बात मानने को तैयार नहीं है कि उनसे गंभीर चूकें हो रही हैं.
उत्तर प्रदेश की जेल में कभी मुन्ना बजरंगी को ठोक दिया जा रहा है, कभी खुलेआम पुलिस की अभिरक्षा में बदमाशों को गोली मार दिया जा रहा है, कभी कचहरी में कत्ल हो रहा है. उत्तर प्रदेश में पुलिस और भाजपा सरकार का शासन पंगु है,क्या इस घटना की उच्च स्तरीय जांच नहीं होनी चाहिए,ये काम अदालत का है कि नहीं है? अदालत के जरिए विधि द्वारा कठोर से कठोर सजा अपराधियों को मिलनी चाहिए लेकिन जिस तरीके से यह सब हो रहा है, क्या यह उचित है? हमारा आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी शासन करने में असक्षम है.
सपा ने भी दी प्रतिक्रिया
उधर, सपा प्रवक्ता सुमैया राणा ने कहा कि, 'रमजान में जेलों में रहने वाले शहाबुद्दीन भाई, अतीक चकिया भाई और मुख्तार भाई की मौत होना लॉ एंड ऑर्डर और संविधान की धज्जियां उड़ाना है. जिस तरह से जेल में रहते हुए मौतें हो रही हैं और उसे बीमारी का रूप दिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जिस तरह से जेल में रहकर मौतें हो रही हैं इसकी बड़ी जांच होनी चाहिए. मुख़्तार के बेटे उमर अंसारी ने मीडिया से बताया कि, मुख्तार ने बेटे से कहा कि, मैं इस लायक भी नहीं रह गया हूं बेटा की तुमसे आकर बाहर मिल सकूं,मुझे जहर दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी आतों में जलन और तकलीफ है, मुझे बहुत परेशानी है.'
सीबीआई जांच की मांग
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने X पर पोस्ट में लिखा कि, 'पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी का असामायिक निधन बेहद दुखद, मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति हैं, प्रकृति उन्हें यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. पूर्व में ही उन्होंने अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी, मैं माननीय उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश से उनकी मृत्यु की सीबीआई जांच की मांग करता हूं.'
तेजप्रताप ने जताया दुख
RJD नेता तेज प्रताप यादव ने कहा कि, 'यूपी के पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति दे तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.'
तेजस्वी यादव ने भी दी प्रतिक्रिया
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम, तेजस्वी यादव ने X पर लिखा कि, 'यूपी से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला. परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया. प्रथम दृष्टया ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता. संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.