नेताजी यानी समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की मां मूर्ति देवी बुजुर्ग अवस्था में अक्सर बीमार रहने लगी थीं. उनका राजधानी लखनऊ और सैफई के अस्पताल में इलाज कराया जाने लगा. इसी बीच, एक दिन अस्पताल में नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, तभी वहां मौजूद एक ट्रेनी नर्स ने उसे रोक दिया और सूबे की ताकतवर शख्सियत मुलायम की मां के प्राण बच गए थे. कहा जाता है कि तभी से मुलायम सिंह की जिंदगी में नया मोड़ आ गया. दरअसल, वह ट्रेनी नर्स साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) ही थीं, जो बाद में मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी बनीं. आज साधना गुप्ता का फेफड़ों में संक्रमण के चलते निधन हो गया है.
साधना गुप्ता यूपी के इटावा स्थित बिधुना तहसील की रहने वाली थीं. 4 जुलाई 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी. इनकी शादी के बाद 7 जुलाई 1987 में प्रतीक यादव का जन्म हुआ. इसके दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे. फिर साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आ गई थीं.
बताते हैं कि अस्पताल में जब मुलायम सिंह यादव की मां का इलाज चल रहा था, तब बतौर नर्स साधना गुप्ता सपा नेता की मां मूर्ति देवी की अच्छे से देखभाल करती थीं. सूबे की राजनीति में अपनी दमखम रखने वाले मुलायम इसी वजह से साधना गुप्ता से खासे प्रभावित हुए और यहीं से दोनों एक दूसरे के करीब आ गए.
यह भी कहा जाता है कि साल 1994 में प्रतीक यादव के स्कूल फॉर्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पते की जगह मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का पता दिया हुआ था. यह भी कहा जाता है कि साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज हुआ था.
साल 2003 में मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो गया. 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था. बता दें कि साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक गुप्ता यादव राजनीति से दूर हैं. हालांकि, उनकी पत्नी अपर्णा बिष्ट यादव राजनीति में खासी सक्रिय हैं.
गौरतलब है कि साधना गुप्ता की बहू अपर्णा बिष्ट यादव ने सपा के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी. फिर इसी साल सूबे में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली थी.