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आज हरिद्वार में होगा मुलायम सिंह की अस्थियों का विसर्जन, अखिलेश और शिवपाल दोनों होंगे साथ

आज यानी सोमवार को मुलायम सिंह की अस्थियों को हरिद्वार में गंगा में विसर्जित किया जाएगा. इसके लिए अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव भी मौजूद होंगे. मुलायम सिंह का निधन 10 अक्टूबर को हुआ था. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद आज उनकी अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा. आज यानी सोमवार को नेता जी की अस्थियों को हरिद्वार में गंगा में विसर्जित किया जाएगा. इसके लिए अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव भी मौजूद होंगे. बता दें कि अब भी कई सपा समर्थक और तमाम राजनीतिक हस्तियां 'नेता जी' को श्रद्धांजलि देने सैफई जा रहे हैं. नेता जी मुलायम सिंह यादव की अस्थियों का विसर्जन नमामि गंगे घाट ,चंडी घाट पर होगा.

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क्यों होता है अस्थि विसर्जन?

मुलायम सिंह की आत्मा की शांति के लिए 21 अक्टूबर को सैफई में धार्मिक रीति रिवाज के साथ शांति हवन कार्यक्रम होगा, जिसमें ब्राह्मण भोज भी कराया जाएगा और शांति हवन भी किया जाएगा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मां गंगा में अस्थियां विसर्जित करने से इंसान से जुड़ी आत्मा को नया मार्ग मिलता है. हरिद्वार, प्रयाग आदि जगहों के गंगातट पर विधि विधान से अस्थियों का विसर्जन किया जाता है.

नहीं होंगी 'नेता जी' की तेरहवीं

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, किसी व्यक्ति के निधन के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए 13वें दिन एक धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है. इसे तेहरवीं कहा जाता है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की तेरहवीं नहीं होगी. सपा नेता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन के मुताबिक, 'नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी. उसकी जगह शांति पाठ और हवन पूजन 21 अक्टूबर को किया जाएगा.' सुनील सिंह साजन ने बताया कि सैफई के आस-पास के एक-दो जिलों में अब तेरहवीं करने की परंपरा नहीं है. दरअसल, जब नेताजी छोटे थे तब सैफई और आस-पास के इलाकों में भी तेरहवीं होती थी. मगर, जब वह बड़े हुए और राजनीति में आए, तो उन्होंने समाज सुधारक के तौर पर कार्य किया.' नेता जी का मानना था कि तेरहवीं से गरीब लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है इसीलिए उन्होंने इस परंपरा को खत्म करने के पक्षधर थे.

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तेरहवीं प्रथा के विरोधी रहे थे मुलायम सिंह
 
नेताजी ने ही समाज सुधारकों के साथ मिलकर इस परंपरा को खत्म करने की शुरुआत की. धीरे-धीरे यहां तेरहवीं का कार्यक्रम किया जाना बंद हो गया. तब से ही लोग इसकी जगह शांति पाठ के साथ हवन और पूजा पाठ करने लगे. लिहाजा, नेताजी की भी तेरहवीं नहीं की जाएगी.

लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन 

उल्लेखनीय है कि 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी हुई थी.

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