पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद अर्जुन सिंह ने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद जिले में एक धार्मिक समूह ने काली मंदिर में मूर्ति को 'नष्ट' कर दिया है जबकि पुलिस ने उनके इस दावे का खंडन किया है.
बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने ट्वीट किया, 'दीदी की राजनीति का जेहादी स्वरूप अब हिंदू धर्म और संस्कृति को नष्ट करने पर तुला हुआ है. देखें कि कैसे एक धार्मिक समूह ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद इलाके में एक मंदिर पर हमला किया और मां काली की मूर्ति को नष्ट कर दिया. शर्मनाक.'
सिर्फ अर्जुन सिंह ही नहीं, इस घटना की इसी तरह की तस्वीरें बंगाल बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल ने भी साझा की हैं, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उपद्रवियों ने मूर्ति को आग लगा दी थी और इससे पहले मूर्ति के सोने के गहने चोरी हो गए थे.
बीजेपी सांसद के बयान को 'भ्रामक' करार देते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि कानूनी कार्रवाई की जा रही है. 'कृपया भ्रामक, भड़काऊ और शरारती पोस्ट न करें.
— West Bengal Police (@WBPolice) September 2, 2020
इंडिया टुडे से बात करते हुए, मंदिर के सचिव शुकदेव बाजपेयी ने पुष्टि की कि मूर्ति जल गई, लेकिन सांसदों के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'यह हादसे का मामला लग रहा है. यहां तक कि हम हैरान हैं कि यह कैसे हुआ. मंदिर को बंद कर दिया गया था, कोई भी वस्तु खोई नहीं है और मूर्ति भी है.'
इस संबंध में मंदिर प्रशासन ने एक औपचारिक बयान भी जारी किया है. मंदिर प्रशासन ने कहा, “31 अगस्त की रात को मंदिर में मां काली की मूर्ति जल गई. हम में से जो लोग मंदिर से जुड़े हुए हैं उनका मानना है कि हमारे क्षेत्र में हिंदू और मुसलमानों के बीच बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. दोनों समुदायों का मानना है कि यह धार्मिक घृणा का काम नहीं हो सकता. हालांकि, कुछ ऐसे भी हैं जो इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. हम हर किसी से आग्रह करते हैं कि वो तनाव वाली किसी भी स्थिति से दूर रखें.”
मंदिर समिति ने कहा है कि यह एक अग्नि दुर्घटना थी. मंदिर के अधिकारी आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं. स्थानीय पुलिस और प्रशासन समन्वय स्थापित कर रहे हैं. व्यक्तिगत रूप से बिना पुष्टि किए कोई सूचना किसी से शेयर न करें. अधिक जानकारी के लिए मंदिर समिति से संपर्क कर सकते हैं. घटना के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुर्शिदाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक केएस राज कुमार ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.