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मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत की हुंकार- सरकार को वोट की चोट देनी होगी, 9-10 को लखनऊ में बैठक

यूपी के मुजफ्फरनगर में रविवार को किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) हुई. यहां किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी पहुंचे. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये लोग देश को तोड़ने वाले हैं और हम जोड़ने वाले हैं.

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राकेश टिकैत (फाइल फोटो-PTI)
राकेश टिकैत (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंचे टिकैत
  • राकेश टिकैत का मोदी और योगी पर हमला

यूपी के मुजफ्फरनगर में रविवार को किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) हुई. यहां किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी पहुंचे. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये लोग देश को तोड़ने वाले हैं और हम जोड़ने वाले हैं. 

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राकेश टिकैत ने कहा, ' संयुक्त मोर्चा ने जो फैसले लिए हैं, उसके तहत देशभर में हम लोगों को बड़ी-बड़ी मीटिंग करनी पड़ेंगी. अब ये मिशन यूपी और मिशन उत्तराखंड नहीं है. संयुक्त मोर्चा का मिशन होगा देश बचाने का. ये देश बचेगा, ये संविधान बचेगा. आज लड़ाई उस मुकाम पर आ गई, देश के 14 करोड़ लोग जो बेरोजगार हैं, हमारे साथी हैं, ये आंदोलन उनके कंधे पर है.'

टिकैत ने कहा, 'ये लड़ाई शुरू हुई तीन काले कानून से. एमएसपी पर गारंटी कानून से. हमने एक-एक जिले का डेटा अधिकारियों को दिया. सरकार को दिया. बड़े व्यापारी की धान एमएसपी पर बिकती है और किसान के फसलें 10-15% पर बिकती है. फसलों के दाम नहीं तो वोट नहीं. इस सरकार को वोट की चोट देनी होगी.'

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इनको जनता बर्दाश्त नहीं करेगी

टिकैत ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर हमला करते हुए उन्हें बाहरी बताते हुए कहा, 'ये दोनों बाहरी लोग हैं. इन्हें यहां से जाना होगा. आप उत्तराखंड की जमीन पर जीतकर प्रधानमंत्री बनो, कोई ऐतराज नहीं है. गुजरात की जमीन पर जीतकर प्रधानमंत्री बनो, कोई ऐतराज नहीं है. लेकिन यूपी की जमीन पर नहीं... ये दंगे करवाने वाले लोग हैं. इन्हें जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.'

राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को लेकर भी बात कही. उन्होंने कहा कि भले ही वहां हमारी कब्रगाह बन जाए, लेकिन हम वहां से नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा, 'हम आपसे वादा लेकर जाते हैं कि अगर वहां पर हमारी कब्रगाह बनेगी तो भी हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे. बगैर जीते वापस नहीं आएंगे.'

9-10 को लखनऊ में बड़ी बैठक

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 8 अप्रैल 1857 को मेरठ में बगावत हुई थी और उसने अंग्रेजी शासन खत्म कर दिया था. अब उसी तरह का जोश मुजफ्फरनगर में दिख रहा है. जिस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी को हटाया, उसी तरह मोदी-शाह को हटाना है. उन्होंने बताया कि अगली मीटिंग 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में गन्ने को लेकर होगी. 

 

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