थाईलैंड और म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि घायलों का आंकड़ा 2000 के पार पहुंच चुका है. नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत भारत म्यांमार को राहत बचाव कार्य के लिए हर संभव मदद कर रहा है. शनिवार शाम को म्यांमार की जनता सरकार के प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग से पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत की है. थाईलैंड से आए भारतीय प्रत्यक्षदर्शियों ने अपना अनुभव साझा किया है.
भारतीय प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?
थाईलैंड से बेंगलुरु एयरपोर्ट पर आए भारतीयों से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बातचीत की है. भारतीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, 'भूकंप के दौरान उन्हें ऐसा लग रहा था कि जमीन नहीं सिर हिल रहा हो. भूकंप के बाद सरकार ने लोगों को ढाई घंटे तक बाहर रहने की सलाह दी. होटल स्टाफ ने लोगों की मदद की और खाने-पीने की व्यवस्था की. शाम तक हल्के झटके महसूस हुए. वे सुरक्षित वापस लौटने के लिए ईश्वर के आभारी हैं.'
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एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'यह बहुत डरावना अनुभव था लेकिन उन्होंने हमारी बहुत अच्छी देखभाल की और हम सभी सुरक्षित हैं.'
म्यांमार में भूकंप के बाद क्या है ताजा अपडेट?
म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने तुरंत ही 'ऑपरेशन ब्रह्मा' की शुरुआत कर दी है. इसके तहत दो नौसैनिक जहाज राहत और बचाव कार्य के लिए म्यांमार पहुंच गई है. इसके अलावा हवाई मार्ग से राहत सामग्री और आपदा राहत दल भेजे जा रहे हैं. भारतीय सेना 60-बेड का चिकित्सा मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित करेगी. भूकंप से म्यांमार में अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.