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केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ FIR, नागमंगला दंगों पर फर्जी फोटो शेयर करने का आरोप

कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ी कथित फर्जी फोटो पोस्ट करने और गलत जानकारी फैलाने के आरोप में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन पर समाज में अशांति फैलाने और उकसावे वाली बयानबाजी का आरोप है.

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केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे (Photo: India Today)
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे (Photo: India Today)

कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में हुए सांप्रदायिक दंगों के बारे में कथित रूप से फर्जी फोटो पोस्ट करने और गलत जानकारी शेयर करने के लिए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मामला नागमंगला टाउन पुलिस स्टेशन दर्ज किया गया है. 

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यह मामला उन पर समाज में अशांति फैलाने वाली उकसावे वाली बयानबाजी करने और घटना से असंबंधित फोटो का इस्तेमाल करने के आरोप में दर्ज किया गया है. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मांड्या जिले के नागमंगला शहर में गणेश प्रतिमा जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हुई झड़पों की जांच की मांग की थी.

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कांग्रेस पर लगाए थे "तुष्टिकरण की राजनीति" के आरोप

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर "तुष्टिकरण की राजनीति" में लिप्त होने का आरोप लगाया था. उनका आरोप है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और कांग्रेस हिंदुओं के खिलाफ "साजिश" रचने की कोशिश कर रहे हैं.

विवाद तब खड़ा हुआ जब बीजेपी की विधायक शोभा करंदलाजे ने 'X' पर दावा किया, "कर्नाटक के मांड्या में पुलिस ने प्रथम पूज्य गणेश को गिरफ्तार कर लिया है!! राष्ट्रविरोधियों ने जुलूस के दौरान गणेश प्रतिमा पर पत्थर और चप्पलें फेंकी और 25 से अधिक दुकानों को जला दिया. सीएम सिद्दारमैया और एचएम परमेश्वर अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं और घटना को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं."

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कर्नाटक पुलिस को बताया था '​​​​​रीढ़विहीन'

मंत्री ने 13 सितम्बर के अपने पोस्ट में आगे कहा था, "आज रीढ़विहीन पुलिस ने गणेश प्रतिमा को पुलिस वैन में ले लिया. कर्नाटक में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. कांग्रेस शासन के तहत हिंदू उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें छोड़ दिया गया है और अनाथ बना दिया गया है."

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पुलिस ने इस पोस्ट को समाज में शांति और व्यवस्था को खतरा पहुंचाने के संदेह में गंभीरता से लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है. इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है, जो पहले से ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों के दौर से गुजर रही है.

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