नामीबिया से आए आठ चीतों को लेकर राजस्थान और हरियाणा में विरोध हो रहा है. इसपर अब मध्य प्रदेश के पर्यावरण मंत्रालय को सफाई जारी करनी पड़ी है. यह सारा विवाद चीतों के शिकार के लिए कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतलों को लेकर था. इसपर हरियाणा और राजस्थान में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. अब इसपर मंत्रालय ने सफाई दी है. इसके साथ-साथ सवाल उठाने वाले बीजेपी नेता ने भी बयान जारी किया है.
आठ चीतों के भारत आने के बाद खबरें आई थीं कि चीतों के शिकार के लिए मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतलों (हिरण) को छोड़ा गया है. इसका हरियाणा और राजस्थान में विरोध हुआ. बिश्नोई समाज ने खासकर इसपर आपत्ति जताई. अब पर्यावरण वन मंत्रालय ने सफाई दी है कि राजस्थान से कोई भी चीतल मध्यप्रदेश नहीं लाया गया है, क्योंकि इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी होती है.
आगे बताया गया कि कूनो नेशनल पार्क में 20,000 से ज्यादा चीतल पहले से मौजूद हैं, ऐसे में चीतल बाहर से लाए जाने की खबर फर्जी है. मतलब, चीतों के भोजन के लिए राजस्थान से चीतल लाए जाने की खबर को पर्यावरण मंत्रालय ने अब नकार दिया है.
इस बीच बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई ने भी ट्वीट कर सफाई दी है. वह बोले कि मेरी केंद्र सरकार से बातचीत हो चुकी है. चीतों को एक भी चितल या हिरण नहीं भेजा गया है. इस तरह के समाचार पूरी तरह से भ्रामक एवं झूठे हैं. मेरा सभी से अनुरोध है कि इस तरह की बेबुनियाद बातों पर विश्वास न करें. इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने ही आशंका जताई थी हरियाणा से चीतल हिरण चीतों के शिकार के लिए भेजे जा रहे हैं.
इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा था, ''चीतों के भोजन हेतु चीतल और हिरण भेजने की सूचनाएं आ रही हैं, जो अति निंदनीय है. मेरा केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि राजस्थान में विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे हिरणों की प्रजाति और बिश्नोई समाज की भावनाओं को देखते हुए इस मामले की जांच करवाई जाए और अगर ऐसा है तो तुरंत इस पर रोक लगाई जाए.''
हरियाणा में हो रहा था विरोध
कूनो नैशनल पार्क में 8 चीतों के सामने चीतल हिरणों को आहार के रूप में डालने के विरोध में हरियाणा के फतेहाबाद में धरना प्रदर्शन हुआ था. बिश्नोई समाज और जीव प्रेमी लोगों ने आजतक से बात करते हुए यहां तक कहा कि चीतल हिरणों को चीतों के सामने डालने का फैसला ठीक नहीं है. इन लोगों ने यहां तक कहा कि चीतल हिरणों की जगह सरकार उनको चीतों के सामने डाल दे.
इस पूरे विवाद पर बिश्नोई सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने कहा था कि सरकार जिस तरह से चीतों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट लेकर आई है उसी तरह हिरणों को भी सुरक्षित करने के लिए प्रोजेक्ट लाया जाना चाहिए. क्योंकि राजस्थान, हरियाणा जैसे रिजर्व एरिया में हिरणों की प्रजाति विलुप्त हो रही है.