उत्तरकाशी मस्जिद विवाद पर चल रही गहमागहमी के बीच नैनीताल हाई कोर्ट में अल्पसंख्यक सेवा समिति की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी. इस विवाद को लेकर उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. इससे पहले, बीते बुधवार को हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को तलब कर मस्जिद की सुरक्षा और जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा था. कोर्ट ने प्रशासन को किसी भी प्रकार की हिंसा रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे.
महापंचायत नाकाम, आंदोलन की चेतावनी
मस्जिद को लेकर विवाद कर रहे हिंदू संगठनों ने 1 दिसंबर को एक महापंचायत का आयोजन किया था, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते यह महापंचायत सफल नहीं हो सकी. इस दौरान तेलंगाना के गोशामहल से विधायक टी. राजा सिंह ने विवाद को और बढ़ाने की बात करते हुए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी थी.
पिछले दो महीने से विवाद
यह विवाद पिछले दो महीनों से सोशल मीडिया पर भड़काया जा रहा है. 24 अक्टूबर को हिंदू संगठनों द्वारा उत्तरकाशी में एक बड़ा आंदोलन किया गया, जो हिंसक हो गया. इस दौरान पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएं हुईं, जिनमें पुलिसकर्मियों समेत 27 लोग घायल हो गए थे.
उत्तरकाशी प्रशासन ने विवादों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए मस्जिद के दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था. प्रशासन ने बयान जारी कर कहा था कि यह मस्जिद पूरी तरह वैध है, और इसे लेकर फैल रही अफवाहें बेबुनियाद हैं.
हाई कोर्ट की सुनवाई से तय होगा भविष्य
मामला अब नैनीताल हाई कोर्ट में पहुंच गया है, जहां अल्पसंख्यक सेवा समिति ने याचिका दाखिल की है. याचिका में मस्जिद की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की मांग की गई है. हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद इस विवाद का भविष्य तय होगा.
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की चुनौती
उत्तरकाशी मस्जिद विवाद ने एक बार फिर धार्मिक मुद्दों को भड़काने की कोशिशों को उजागर किया है. प्रशासन और न्यायपालिका के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा जाए.