आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने सॉफ्टवेयर बॉडी नैसकॉम (Nasscom) को विशाखापट्टनम में अपने कारोबार को बढ़ाने करने या ट्रांंसफर करने की पेशकश की है. टीडीपी नेता की यह टिप्पणी कर्नाटक सरकार द्वारा बुधवार को प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण जरूरी करने वाले विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद कई इंडस्ट्रीज की तरफ से हो रहे हंगामे के बीच आई है.
अब, नैसकॉम ने विधेयक के प्रावधानों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कर्नाटक सरकार से इसे वापस लेने की गुजारिश की है. नैसकॉम की एक प्रेस रिलीज में कहा गया, "विधेयक के प्रावधानों से कंपनियों को दूर भगाने और स्टार्टअप को दबाने का खतरा है, खासकर तब, जब ज्यादा वैश्विक फर्म्स (GCC) राज्य में इन्वेस्ट करना चाह रही हैं."
'हम आपका स्वागत करते हैं...'
सोशल मीडिया पर नैसकॉम के बयान का जवाब देते हुए लोकेश ने लिखा, "हम विशाखापट्टनम में हमारे आईटी, आईटी सर्विसेज, एआई और डेटा सेंटर क्लस्टर में अपने कारोबार को बढ़ाने या ट्रांसफर करने के लिए आपका स्वागत करते हैं."
लोकेश ने नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष को टैग करते हुए कहा, "आंध्र प्रदेश आपका स्वागत करने के लिए तैयार है, कृपया संपर्क करें!" अत्याधुनिक सुविधाओं का आश्वासन देते हुए, आंध्र प्रदेश के मंत्री ने बिना किसी सरकारी प्रतिबंध के कंपनी के लिए निर्बाध बिजली, बुनियादी ढांचा और सबसे उपयुक्त कुशल प्रतिभा प्रदान करने का वादा किया.
आंध्र प्रदेश सरकार में मंत्री, नारा लोकेश के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने सवाल किया, "क्या आप यह भी सुनिश्चित नहीं करना चाहेंगे कि आंध्र प्रदेश में निवेश करने वाली हर कंपनी आंध्र प्रदेश के योग्य, प्रशिक्षित और कुशल व्यक्तियों को नियुक्त करे?"
बता दें कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार द्वारा स्वीकृत विधेयक में 50 फीसदी मैनेजमेंट पदों और 75 फीसदी नॉन-मैनेजमेंट पदों पर कन्नड़ लोगों की नियुक्ति का निर्देश दिया गया है.
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'प्रतिबंधों के कारण कंपनियों को...'
कर्नाटक सरकार द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद, नैसकॉम ने एक पत्र में कहा, "प्रतिबंधों के कारण कंपनियों को ट्रांसफर होना पड़ सकता है, क्योंकि स्थानीय कुशल प्रतिभाएं दुर्लभ हो जाएंगी." नैसकॉम ने यह भी कहा कि तकनीकी क्षेत्र कर्नाटक की जीडीपी में 25 फीसदी का योगदान देता है, जिसमें 11,000 से ज्यादा स्टार्ट-अप और कुल जीसीसी का 30 फीसदी हिस्सा शामिल है.
नैसकॉम की चिंताओं का जवाब देते हुए, प्रियांक खड़गे ने आश्वासन दिया कि सरकार ऐसा कुछ भी नहीं करेगी जो कानूनी जांच का सामना न कर सके. खड़गे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "यह आपकी सरकार है और हमेशा की तरह हम बस एक कॉल की दूरी पर हैं."
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक सरकार का लक्ष्य स्थानीय प्रतिभाओं का उपयोग करके वैश्विक वर्कफोर्स विकसित करना है, साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स को प्रोत्साहित करना और रोजगार के मौके पैदा करना है.
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प्रियांक खड़गे को धन्यवाद देते हुए, सॉफ्टवेयर बॉडी ने एक पोस्ट में कहा कि वे कर्नाटक की स्थिति को और मजबूत करने के लिए साझेदारी जारी रखने के लिए उत्सुक हैं.
नैसकॉम ने प्रियांक खड़गे को जवाब देते हुए कहा, "यह अहम है कि हमारे पास अपने इंडस्ट्री को इनोवेशन के मामले में सबसे आगे रखने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छे टैलेंट को आकर्षित करने की क्षमता भी हो. साथ मिलकर, हम यह तय कर सकते हैं कि कर्नाटक टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में लीड करता रहे."
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