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नारदा केस: मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के बाद सुब्रत मुखर्जी भी हॉस्पिटल में एडमिट

नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार किए गए टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी की देर रात हालत बिगड़ गई. इन दोनों नेताओं को प्रेसिडेंसी जेल से देर रात एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक में शिफ्ट किया गया.

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सोवन चटर्जी और मदन मित्रा (फाइल फोटो)
सोवन चटर्जी और मदन मित्रा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CBI की कस्टडी में हैं बंगाल के चारों नेता
  • मदन मित्रा और सोवन चटर्जी की हालत बिगड़ी

नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी की देर रात हालत बिगड़ गई. इन दोनों नेताओं को प्रेसिडेंसी जेल से देर रात एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक में शिफ्ट किया गया. सोमवार सुबह मंत्री सुब्रत मुखर्जी की तबीयत भी बिगड़ गई. उन्हें भी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है. उधर, नारदा मामले में गिरफ्तार चारों हैवीवेट नेताओं की ओर से हाईकोर्ट के कल के गिरफ्तारी पर लगाए गए स्थगन आदेश पर पुनर्विचार का आवेदन किया गया है.कल इस मामले की सुनवाई होगी.

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गौरतलब है कि नारदा स्टिंग केस में मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने सोमवार सुबह छापेमारी की. इसके बाद इन चारों नेताओं को अपने साथ सीबीआई दफ्तर ले आई थी. सीबीआई ने इन चारों नेताओं से पूछताछ की और फिर इन्हें गिरफ्तार कर लिया.

टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद नाराज हो गईं. वह खुद सीबीआई दफ्तर पहुंच गई थीं. करीब 6 घंटे तक ममता सीबीआई दफ्तर में थीं. इस दौरान उन्होंने सीबीआई अफसरों से कहा कि आप बिना नोटिस मंत्रियों और विधायक को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं, अगर ऐसा करते हैं तो आप मुझे भी गिरफ्तार कीजिए.

हालांकि, सीबीआई के अफसरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध को नजरअंदाज करते हुए चारों नेताओं को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश कर दिया. जिस वक्त कोर्ट में पेश करने की कवायद की जा रही थी, उसी वक्त सीबीआई दफ्तर के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई और सीबीआई दफ्तर पर पथराव करने लगी. सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा.

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इसके बाद चारों नेताओं को कोर्ट में पेश किया गया. गिरफ्तारी के 7 घंटे के अंदर ही सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों नेताओं को जमानत दे दी, लेकिन रात होते-होते कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी. जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

 

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