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जवानों के पास वो हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन ने सोचा भी नहीं होगा- PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि उनके पास ऐसे हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन ने कभी सोचा भी नहीं होगा. उनके मुताबिक अब हथियार वो रहेंगे जिससे दुश्मन का खात्मा तुरंत कर दिया जाए.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीटीआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आत्मनिर्भरता का लक्ष्य भारत के लिए जरूरी- मोदी
  • रक्षा उपकरणों का आयात कम किया गया- मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित NIIO (नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन) संगोष्ठी 'स्वावलंबन' में हिस्सा लिया. इस खास मौके पर उन्होंने एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया और देश के जवानों को हौसला दिया कि उनके पास वो हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन कभी सोच भी नहीं पाएगा.

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उन्होंने कहा कि हो सकता है कि दूसरे देशों के जवानों के पास वो हथियार हों. ये भी संभव है कि हमारे जवान अपनी काबिलियत के दम पर उन हथियारों का और अच्छा इस्तेमाल कर लें. लेकिन मैं कब तक रिस्क लेता रहूंगा. मैं अपने जवानों को वो हथियार क्यों दूं, जो दूसरे देश के जवान भी इस्तेमाल कर रहे हैं. हमारे जवानों के पास वो हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन ने सोचा भी नहीं होगा. जब तक वो सोचेंगे, तब तक तो हमारे जवान उनका खात्मा कर चुके होंगे.

पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि ये मिजाज सिर्फ फौजियों को तैयार करने के लिए नहीं है, बल्कि ये मिजाज फौजियों के हाथ में कौन से हथियार हैं, इस पर भी निर्भर करता है. प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि अब देश डिफेंस के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है. आंकड़ों में बात करते हुए पीएम ने कहा कि बीते 4-5 सालों में हमारा defence import लगभग 21 प्रतिशत कम हुआ है. आज हम सबसे बड़े defence Importer के बजाय एक बड़े exporter की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं.

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वैसे अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि आजादी से पहले रक्षा के क्षेत्र में भारत की स्थिति काफी मजबूत हुआ करती थी. पहले भारत कई उपकरणों का निर्यात किया करता था. इस बारे में वे बताते हैं कि हमारी होवित्जर तोपों, इशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी मशीनगनों को श्रेष्ठ माना जाता था. हम बहुत बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट किया करते थे. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि एक समय में हम इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े importer बन गए?

पीएम आगे कहते हैं कि भारतीय सेनाओं में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य, 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है. आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन सेमिनार का आयोजन होना, इस दिशा में अहम कदम है. अपनी सरकार की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि बीते 8 वर्षों में सिर्फ डिफेंस का बजट ही नहीं बढ़ाया है, ये बजट देश में ही defence manufacturing ecosystem के विकास में भी काम आए, ये भी सुनिश्चित किया है. 

मोदी के मुताबिक रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बहुत बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीद में ही लग रहा है. ऐसे में आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से कदम बढ़ा दिए गए हैं. इसी आत्मनिर्भरता में स्टार्टअप्स की अहमियत समझाते हुए पीएम ने कहा कि बीते दशकों की अप्रोच से सीखते हुए आज हम नए defence ecosystem का विकास कर रहे हैं. आज defence R&D को private sector, academia, MSMEs और start-ups के लिए खोल दिया गया है.

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