हरिद्वार में गंगा में मेडल विसर्जन करने पहुंचे पहलवानों को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और खाप चौधरियों ने रोक लिया. टिकैत ने रेसलर्स से कहा कि अगर उन्हें मेडल नहीं रखने हैं तो वह उन्हें गंगा में प्रवाहित करने की जगह सीधे राष्ट्रपति को सौंप दें. उन्होंने पहलवानों का मामला सुलझाने के लिए सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया.
नरेश टिकैत के समझाने के बाद पहलवान मुजफ्फरनगर स्थित उनके आवास पहुंचे. यहां उन्होंने बंद कमरे में पहलवानों से मुलाकात की और खाना खाया, जिसके बाद मीडिया से बचते हुए निकल आए. इस दौरान टिकैत ने ऐलान किया कि एक जून को मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में ऐतिहासिक चौपाल पर पंचायत होगी, जिसमें हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और यूपी के खाप चौधरी हिस्सा लेंगे. इसमें चर्चा की जाएगी कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए सरकार पर पांच दिनों में कैसे दवाब बनाया जाए. साथ ही नरेश टिकैत ने यह भी कहा कि यह सरकार तो बिल्कुल नाश के पीछे लग रही है क्योंकि कुत्ता अगर काट ले तो उसको काटा नहीं जाता उसके इलाज के लिए देखा जाता है.
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि जब हमें पता चला कि पहलवान अपने मेडल गंगा में विसर्जित करने वाले हैं तो हम और सभी चौधरी वहां गए और कहा कि तुम अपने मेडल झोली में गिरा दो. वो मान नहीं रहे थे, लेकिन उन्होंने हमारा सम्मान रखा. अब एक जून को सोरम की पंचायत रखी है, जिसमें बिरादरी के जिम्मेदार बुलाए गए हैं. सरकार को भी पांच दिन का समय मिल जाए क्योंकि अगर सरकार जाए तो ये विवाद खत्म हो सकता है.
टिकैत ने कहा कि पहलवानों ने यह कदम बहुत ही दुख में उठाया है. उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. आज बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का जो नारा है, लेकिन हमारी बेटियों कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं.
बृजभूषण की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही: टिकैत
सरकार को लेकर टिकैत ने कहा कि इन्हें समझ में नहीं आ रहा कि हम क्या करें या क्या ना करें, लोगों ने वोट दिए और बड़ी अच्छी तरीके से यह सरकार बनाई. अब इस तरीके से इन्होंने यह काम कर दिया और महिला पहलवानों के साथ में इतनी ज्यादती इन्होंने कर दी. परसों साक्षी मलिक के मुंह पर जूता भी लग रहा है, इससे घिनौना काम क्या हो सकता है. पहलवानों की मांग तो बस ये है कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो जाए. बम बच्चों को मना लेंगे, लेकिन एक बार उसे जेल में पहुंचा दो, लेकिन ऐसी क्या बात है जो इतना बड़ा काम उसने कर रखा है या फिर जो बड़े नेता हैं, धनवान हैं, सिर्फ वो ही रहेंगे. गरीब जनता का रहना ही बेकार है.
पहलवानों के साथ हो रही ज्यादती: नरेश टिकैत
हमारी लड़ाई यही तो है कि उनकी साथ जो ज्यादती हो रही है, ताकत के बल पर दबाया जा रहा है. अगर उसकी गलती नहीं है तो माननीय सुप्रीम कोर्ट है 10-15 दिन में उसकी सुनवाई कर दो और बहाल कर दो. हमें कोई दिक्कत नहीं है. माननीय सुप्रीम कोर्ट की बात का तो सभी विश्वास करते हैं. एक नारको टेस्ट की बात है तो उसमें लड़कियों ने भी कह दिया है कि हमारा भी नारको टेस्ट करवा दो. अब सरकार सामने आए और इस मामले को सुलझाए.