कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती दिख रही हैं तो दूसरी तरफ अब उनके समर्थन में भी दिग्गज पहलवानों के नाम सामने आने लगे है. पहले दिव्या काकरान और अब कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले नरसिंह यादव ने खुलकर बृजभूषण शरण सिंह की कार्यशैली की तारीफ की है. आजतक से बातचीत में नरसिंह यादव ने इसे बड़ी साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि एक समय जैसे मेरे साथ साजिश की गई थी, ठीक वैसी ही साजिश बृजभूषण के साथ की जा रही है. नरसिंह का कहना था कि बृजभूषण के कुश्ती महासंघ में आने के बाद नियमों में सुधार हुआ है और हर राज्य के खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है.
नरसिंह यादव ने कहा कि हरियाणा के हर ट्रेनिंग कैंप में पक्षपात होता है. कहां नहीं होता है. बृजभूषण शरण सिंह जी इसके खिलाफ थे. सबको मौका देते हैं, इसीलिए ये सब हो रहा है. आरोप बेबुनियाद हैं. नेशनल खेलना सबका हक है. सभी राज्यों के खिलाड़ी ओलम्पिक में जाने के हकदार हैं. बृजभूषण जी के आने के बाद से चीजें बदली हैं. हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को भी मौका मिला है. नेशनल खेले बिना कैसे पता चलेगा देश में अच्छा खिलाड़ी कौन है. बृजभूषण जी के खिलाफ ऐसे लोग साजिश कर रहे हैं, जैसे मेरे साथ की गई.
'ये राजनीति हो रही है'
उन्होंने आगे कहा कि रेसलिंग में सबको मौका मिलना चाहिए, पूरे देश के खिलाड़ियों को. ऐसे तो किसी भी खेल में जिस राज्य से ज्यादा खिलाड़ी होंगे या पहले से खेल रहे होंगे, उनकी मनमानी चलेगी. ऐसा नहीं होना चाहिए. जो आरोप हैं वो सरासर गलत हैं, कोई भी जांच कर ले. ये राजनीति हो रही है.
बता दें कि नरसिंह यादव मूलरूप से यूपी के वाराणसी से हैं और महाराष्ट्र की तरफ से खेलते हैं. वर्तमान में मुंबई पुलिस में कार्यरत हैं. आरोप है कि दिग्गज पहलवान सुशील कुमार और उनके कोच ने नरसिंह के ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया था, जिसकी वजह से वो डोप टेस्ट में फेल हो गए थे.
बृजभूषण के समर्थन में उतरे ये पहलवान
केरल की राष्ट्रीय पदक विजेता शालिनी और राष्ट्रीय पहलवान रोजमेरिया ने भी WFI और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन किया है. रोजमेरिया ने कहा कि मैं 2017 में लखनऊ साई सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय शिविर का भी हिस्सा थी. मैं वहां पूरी तरह सुरक्षित थी. मुझे वहां किसी प्रकार की असुविधा का अनुभव नहीं हुआ. WFI को धन्यवाद देती हूं.
क्या है पूरा मामला
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार इस समय जेल में बंद हैं. वो सागर हत्याकांड में आरोपी हैं. बात जून 2016 की है. उन दिनों रियो ओलंपिक की तैयारी चल रही थी. रेसलिंग में भारत की तरफ से नरसिंह का नाम प्रस्तावित था. रेसलिंग फेडरेशन का तर्क था कि 2015 से सुशील कुमार ने किसी ट्रायल में भाग ही नहीं लिया. ऐसे में नरसिंह यादव की तैयारी उनसे बेहतर थी. नरसिंह यादव सितंबर 2015 से तैयारी कर रहे थे. नरसिंह का नाम फाइनल होता देख सुशील कुमार कोर्ट जा पहुंचे. इस मामले को लेकर दो सप्ताह तक कोर्ट में सुनवाई चली. इस मामले को लेकर नरसिंह और सुशील कुमार के बीच काफी तनाव हो गया था. जून 2016 में डोप टेस्ट में रेसलर नरसिंह यादव फेल हो गए.
आरोप था कि नरसिंह के खाने में पाउडर जैसा कुछ मिलाया गया था. जिसकी वजह से वो डोप टेस्ट में फेल हो गए थे. हालांकि इस मामले में एक संदिग्ध शख्स की पहचान की गई थी, जिसने खाने में पाउडर मिलाया था. रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट को उस वक्त बताया था कि रसोइए ने उस शख्स की पहचान भी कर ली है. संदिग्ध शख्स एक अंतरराष्ट्रीय रेसलर का छोटा भाई बताया जा रहा था. इस मामले के बाद नरसिंह की जगह प्रवीण राणा का नाम भेजा गया था. नरसिंह यादव को अगले 4 साल के लिए बैन कर दिया गया था.
इस मामले में भी सुशील कुमार का नाम आया था. तब सुशील कुमार के कोच सतपाल ने कहा था कि अगर सुशील का नाम डोपिंग विवाद में घसीटा गया तो वह नरसिंह के खिलाफ मुकदमा करेंगे. जबकि डोप टेस्ट विवाद के बाद नरसिंह यादव के वाराणसी स्थित पैतृक गांव मुरेरी में मायूसी छा गई थी. नरसिंह के घरवालों ने तमाम आरोपों को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले की जांच कराने की मांग की थी.
अभी पहलवान क्यों दे रहे हैं धरना?
दिल्ली के जंतर-मंतर में देश के पहलवान तीन दिन से धरना दे रहे हैं. उनका आरोप है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह मनमानी करते हैं. महिला पहलवानों का यौन शोषण किया जाता है. मानसिक तौर पर टॉर्चर किया जा रहा है. पहलवानों के साथ अभद्रता की जाती है. इस सबमें कोच और रेफरी भी शामिल है. पहलवानों ने पूरे फेडरेशन को भंग करने की मांग की है. बृजभूषण शरण सिंह का इस्तीफा भी मांगा जा रहा है. हालांकि, बृजभूषण ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि मुझे साजिशन फंसाया जा रहा है.