कर्नाटक में एक बार फिर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के पोस्टर लहराने का मामला सामने आया है. शुक्रवार को सामने आए वीडियो में एक जुलूस निकाला जा रहा है, इसमें कुछ लोगों के हाथों में पोस्टर हैं. इनमें सुभाष चंद बोस, भगत सिंह के अलावा एक पोस्टर नाथूराम गोडसे का भी है. इस तस्वीर के सामने आने के बाद माहौल गरमा गया है.
मामला कर्नाटक के शिमोगा इलाके का है. यहां गणेश विसर्जन का जुलूस निकाला जा रहा था. इस जुलूस में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल थे. इस दौरान कुछ लोग स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर लहरा रहे थे. इसी में से एक शख्स गोडसे का पोस्टर लिए थे. फिलहाल, मामला सामने आने के बाद जांच की जा रही है.
तुमकुर में गोडसे के पोस्टर लगाए गए थे
बता दें कि इससे पहले अगस्त में कर्नाटक के तुमकुर में गोडसे की तस्वीर लगाने का मामला सामने आया था. तब सावरकर के बाद हिंदू समर्थकों ने गोडसे की तस्वीरों के साथ फ्लेक्स भी लगाए थे. दरअसल, वहां सावरकर की तस्वीर पर विरोध हुआ था और शहर में कुछ फ्लेक्स फट गए थे. उसके बाद हिंदू समर्थक संगठनों ने मधुगिरी के पास नाथूराम गोडसे के फ्लेक्स लगा दिए थे. कुछ प्रो कन्नड़ संगठनों ने इस फ्लेक्स के खिलाफ विरोध किया था. बाद में पुलिस ने हटा दिया था.
गोडसे को क्यों हीरो बनाने की कोशिश कर रहे?
प्रो कन्नड़ कार्यकर्ता थिम्माराजू ने कहा था कि मैं एक देशभक्त हूं. कुछ अज्ञात लोगों ने मधुगिरी तालुक के पास दांडू मरियम्मा मंदिर के पास फ्लेक्स लगाए हैं. मैं उन्हें देश को बचाने के लिए संदेश देना चाहता हूं. आपने गांधीजी की हत्या करने वाले गोडसे की तस्वीर लगा दी है. क्या आप गोडसे को हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या यह उचित है? क्या आपके पास कोई शिष्टाचार है? उन्होंने इन फ्लेक्स को लगाने वालों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने का आग्रह किया था.
यूपी: मुजफ्फरनगर में गोडसे की तस्वीर संग तिरंगा यात्रा निकाली थी
वहीं, यूपी के मुजफ्फरनगर में भी स्वतंत्रता दिवस पर विवाद खड़ा हो गया था. वहां अखिल भारत हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे की तस्वीर लगाकर नगर में तिरंगा यात्रा निकाली थी. इस संबंध में अखिल भारत हिंदू महासभा के नेता योगेंद्र वर्मा का कहना था कि तिरंगा यात्रा में फोटो बहुत से क्रांतिकारियों की लगी थी, उसमें गोडसे भी शामिल थे. गोडसे भी एक क्रांतिकारी रहे हैं.'