तिरंगे को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की विवादित टिप्पणी पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले में उन्होंने (महबूबा) और उनकी पार्टी ने काफी कुछ क्लियर कर दिया है. उनकी इस टिप्पणी से पीडीपी पर भी असर पड़ा है.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राजौरी में कहा कि उनकी (महबूबा मुफ्ती) विवादित टिप्पणी का खासा असर उनकी पार्टी पर भी पड़ा है. जहां तक हमारा संबंध है, हम गुपकार घोषणा एजेंडे के अनुसार ही काम करेंगे. हमें नहीं लगता कि महबूबा के बयान का जम्मू में बुरा प्रभाव पड़ेगा या उन्हें कुछ नुकसान उठाना पड़ेगा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज रविवार को राजौरी का दौरा किया और कालाकोट में एक जनसभा को संबोधित किया. जनसभा को संबोधित करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने आजतक के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें जम्मू में पिछले 2 दिनों में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. साथ ही भीम सिंह को उनकी अपनी ही पार्टी पैंथर्स पार्टी से निकाले जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर ने कहा कि पार्टी ने उन्हें निष्कासित करके कोई अच्छा काम नहीं किया है. भीम सिंह सिर्फ जनहित के लिए गुपकार डिक्लरेशन में बोलने आए थे.
विशेष राज्य का दर्जा हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की संभावना पर उमर अब्दुल्ला ने कहा मुझे नहीं लगता कि यहां पर जल्द विधानसभा चुनाव होंगे. परिसीमन आयोग को अभी अपना काम पूरा करना है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण, परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर का दौरा करने और लोगों से मिलने में सक्षम नहीं है. मुझे नहीं लगता कि यहां पर अगले एक या दो साल में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि हम अनुच्छेद-370 वापस लेकर रहेंगे. साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि जब तक ऐसा नहीं हो जाता, वो कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगी.
महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान यह भी ऐलान कर डाला, 'मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी. जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में छीन लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है.'
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पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की इस टिप्पणी के बाद उनकी ही पार्टी में नाराजगी दिखाई दी और जम्मू क्षेत्र के तीन नेताओं (वेद महाजन, टीएस बाजवा और हुसैन अली वफा) ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया. यहां तक कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी महबूबा मुफ्ती के बयान से खुद को अलग कर लिया है.