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यंग इंडियन-AJL की डील के वो बड़े सवाल जिन्होंने बढ़ाया सोनिया-राहुल का सिरदर्द

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने जांच तेज कर दी है. बुधवार को जांच एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड के हेडक्वार्टर में स्थित यंग इंडियन लिमिटेड के दफ्तर को सील कर दिया. इससे पहले मंगलवार को ED ने 12 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. ED की ये कार्रवाई सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ के बाद हो रही है.

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नेशनल हेराल्ड मुख्यालय में स्थित यंग इंडियन का दफ्तर सील. (फाइल फोटो-PTI)
नेशनल हेराल्ड मुख्यालय में स्थित यंग इंडियन का दफ्तर सील. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ED को हवाला ट्रांजेक्शन होने का भी शक है
  • एजेंसी ने यंग इंडियन के दफ्तर को सील किया

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक्शन तेज कर दिया है. बुधवार को ED ने नेशनल हेराल्ड के हेडक्वार्टर ने यंग इंडियन के दफ्तर को सील कर दिया. दफ्तर के बाहर ED ने एक नोटिस भी चस्पा किया है, जिसमें लिखा है कि बिना एजेंसी के अनुमति के ऑफिस को न खोला जाए. इससे पहले मंगलवार को ED ने राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर छापेमारी भी की थी. 

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न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि मंगलवार को भी ED की टीम यंग इंडियन के दफ्तर पहुंची थी, लेकिन वहां अधिकृत प्रतिनिधियों के मौजूद नहीं रहने की वजह से सबूत इकट्ठे नहीं किए जा सके थे. 

नेशनल हेराल्ड का मुख्यालय दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित है, जिसका नाम 'हेराल्ड हाउस' है. इस चार मंजिला इमारत में कई ऑफिस हैं. अभी सिर्फ यंग इंडियन के दफ्तर को सील किया गया है. बाकी के सभी दफ्तर खुले हुए हैं. 

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दो महीने में ED ने अपनी जांच तेज कर दी है. पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ की. उसके बाद कई जगहों पर छापेमारी. और अब यंग इंडियन के दफ्तर को सील कर दिया गया है. अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी समन जारी किया गया है. इस मामले में लगातार कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं.

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4 सवाल बने कांग्रेस के लिए मुसीबत

1. 5 लाख की कंपनी के पास 800 करोड़ की संपत्ति कैसे?

2010 में कांग्रेस ने यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की थी. ये कंपनी 5 लाख रुपये से शुरू हुई थी. इस कंपनी के ज्यादातर शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं. ED की जांच में सामने आया है कि जो कंपनी 5 लाख रुपये से शुरू हुई थी, उसके पास आज 800 करोड़ रुपये की संपत्ति है. 

2. कांग्रेस पार्टी ने थर्ड पार्टी को कर्ज कैसे दिया?

कांग्रेस ने 10 साल में एसोसिएटेड जर्नल को 90 करोड़ का कर्ज दिया था. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यंग इंडियन ने 90 करोड़ की वसूली के अधिकार को हासिल करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया था. इस तरह AJL पर यंग इंडियन का नियंत्रण हो गया. स्वामी का आरोप है कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत, कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी थर्ड पार्टी के साथ कोई वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकती.

3. यंग इंडियन लिमिटेड क्यों बनाई गई?

2010 में कांग्रेस ने यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी को शुरू किया. कांग्रेस दावा करती है कि ये एक गैर-लाभकारी कंपनी है. सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि इस कंपनी को इसलिए बनाया गया, ताकि AJL की 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा किया जा सके. 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कहा था कि यंग इंडियन लिमिटेड एक 'दिखावटी या लबादा' कंपनी है, जिसके जरिए सार्वजनिक पैसों को निजी इस्तेमाल में लाया जा सके.

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4. हवाला कनेक्शन से भी जुड़े तार?

2 अगस्त को ED ने देशभर में नेशनल हेराल्ड से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ED से जुड़े सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान जब अकाउंट्स बुक को खंगाला गया, तो इसमें संदिग्ध लेनदेन की जानकारी भी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, अकाउंट बुक की एंट्री में कुछ संदिग्ध लेन-देन दिखा है. ये हवाला एंट्रीज कोलकाता और मुंबई में मिली है.

नेशनल हेराल्ड-एसोसिएटेड जर्नल-यंग इंडियनः तीनों में क्या कनेक्शन?

- ये पूरा मामला नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है. ये अखबार आजादी से पहले शुरू किया गया था. इस अखबार को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में शुरू किया था. इसे एक तरह से कांग्रेस का मुखपत्र भी माना जाता है.

- इस अखबार का मालिकाना हक और पब्लिशिंग का सारा काम एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) देखती थी. इस कंपनी की शुरुआत 1937 में हुई थी. ये कंपनी दो और अखबार छापा करती थी. उर्दू में 'कौमी आवाज' और हिंदी में 'नवजीवन'.

- आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को गैर-लाभकारी कंपनी बना दिया गया और कंपनी एक्ट की धारा 25 के तहत इसे टैक्स फ्री भी कर दिया गया. 1962-63 में कंपनी को दफ्तर के लिए बहादुर शाह जफर मार्ग पर 0.3365 एकड़ जमीन दे दी गई.

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- 2008 तक कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ गया था. इसका हवाला देते हुए कंपनी के सभी प्रकाशनों को बंद कर दिया गया. 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) को शुरू किया गया. इसे 5 लाख रुपये से शुरू किया गया था.

- यंग इंडियन में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के 38-38% शेयर हैं. कुल मिलाकर दोनों के पास 76% शेयर हैं. बाकी के 24% शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिज, सैम पित्रोदा, पत्रकार सुमन दुबे के पास थे. कांग्रेस ने यंग इंडियन को 90 करोड़ का कर्ज दिया और इस कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल का अधिग्रहण कर लिया.

- आरोप है कि कांग्रेस ने यंग इंडियन कंपनी बनाकर एसोसिएटेड जर्नल का अधिग्रहण किया, ताकि उसकी संपत्ति पर कब्जा किया जा सके. एसोसिएटेड जर्नल के पास लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति है. 

मनी लॉन्ड्रिंग का खेल कैसे हुआ?

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी का कहना है कि उसने 2001-02 से 2010-11 के बीच एसोसिएटेड जर्नल को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. 2011 में एसोसिएटेड जर्नल के शेयर को यंग इंडियन में एलॉट कर दिया गया था और उसके कर्ज को इक्विटी में बदल दिया गया था.

ED का दावा है कि ये पूरा लेनदेन एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग के कानूनों का उल्लंघन करते हुए किया गया. ED का कहना है कि ट्रांजेक्शन का ये पूरा जाल इस तरह बिछाया गया था, जिससे एसोसिएटेड जर्नल की करोड़ों रुपये की संपत्ति कांग्रेस नेताओं के नाम पर हो जाए.

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ED के तीन बड़े एक्शन

1. सोनिया-राहुल से पूछताछ

- इस मामले में जांच एजेंसी ने राहुल गांधी से 5 दिन में 54 घंटे और सोनिया गांधी से 3 दिन में 11 घंटे से ज्यादा तक पूछताछ की थी. ED के सूत्रों ने बताया था कि पूछताछ के दौरान सोनिया गांधी ने भी ठीक वैसे ही जवाब दिए थे, जैसे राहुल गांधी ने दिए थे.

- दोनों से एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) में हुए लेनदेन के बारे में पूछा गया था. दोनों ने जवाब दिया कि फाइनेंस से जुड़े सारे मामले मोतीलाल वोरा संभाला करते थे. मोतीलाल वोरा का 2020 में निधन हो चुका है.

- राहुल गांधी ने ED को पूछताछ में बताया था कि यंग इंडियन लिमिटेड एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसे कंपनी एक्ट के विशेष प्रावधानों के तहत शुरू किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने दावा किया था कि इसमें से एक भी पैसा नहीं निकाला गया है.

2. दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी

- ED ने मंगलवार यानी 2 अगस्त को नेशनल हेराल्ड से जुड़े दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में अतिरिक्त सबूत जुटाने के मकसद से की गई थी.

- एजेंसी ने मंगलवार को जिन 12 जगहों पर छापा मारा था, उनमें दिल्ली स्थित नेशनल हेराल्ड का हेडक्वार्टर भी शामिल था. इसके अलावा कोलकाता में भी छापेमारी की गई थी.

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3. यंग इंडियन का दफ्तर सील

- नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जो कंपनी सबसे ज्यादा शक के घेरे में है, वो यंग इंडियन लिमिटेड ही है.

- बुधवार को ED ने नेशनल हेराल्ड के मुख्यालय में स्थित यंग इंडियन के दफ्तर को सील कर दिया. ऐसा इसलिए ताकि यहां मौजूद सबूतों से छेड़छाड़ न की जा सके. 

 

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