उपभोक्ता अपनी जरूरतों के मुताबिक सामान खरीदता है लेकिन उसे हमेशा उसकी गुणवत्ता और सुरक्षा के मापदंडों को लेकर फिक्र लगी रहती है. पीने के पानी की बोतलें हों, उर्वरक की बोरियां हों, निर्माण सामग्री हो, हाई राइज अपार्टमेंट की लिफ्ट हो या फिर इलेक्ट्रिक गाड़ी की बैटरी हो... इन्हें खरीदते समय आप अंतरराष्ट्रीय मानकों और स्टैंडर्ड का ध्यान तो रखते हैं लेकिन इसके बाद भी कई मौकों पर धोखा खा जाते हैं.
अगर ऐसा कोई उपभोक्ता है तो नेशनल टेस्टिंग हाउस (राष्ट्रीय परीक्षण शाला) उसकी मदद के लिए तैयार है. 100 साल से भी ज्यादा पुरानी भारत सरकार की यह संस्था हर तरह के स्ट्रक्चर और उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करती है. अब नेशनल टेस्टिंग हाउस अपना दायरा बढ़ा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता उसकी सर्विस का फायदा उठा सकें. अब उपभोक्ता अपनी गाड़ियों की बैटरी की गुणवत्ता और कंपनी के दावों की जांच सीधे नेशनल टेस्ट हाउस से करवा सकता है.
जानकारी के मुताबिक एनटीएच मुंबई और कोलकाता में अपनी प्रयोगशालाएं शुरू करने जा रहा है, जहां उपभोक्ता अपनी गाड़ियों की बैटरी जांच के लिए सीधे भेज सकेंगे और रिपोर्ट के आधार पर दावा गलत पाए जाने या उत्पाद में खामियां मिलने की स्थिति में वह कंपनी को जिम्मेदारी तय कर सकते हैं. ये रिपोर्ट कानून रूप से भी वैध होंगी.
कंज्यूमर मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने आज तक से कहा कि वक्त के साथ तकनीक बदल रही है और खासकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में मांगों को लेकर जो चुनौतियां सामने आएंगी उपभोक्ता उनकी सीधे जांच कर पाएंगे और इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी सीधे उपभोक्ताओं की मदद कर सकेगा.
जांच के लिए ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
नेशनल टेस्टिंग हाउस के महानिदेशक आलोक श्रीवास्तव ने आजतक से कहा कि उपभोक्ता सीधे हमारी वेबसाइट पर जाकर हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट के जरिए रजिस्ट्रेशन करके इलेक्ट्रिक बैटरी से लेकर पीने के पानी की बोतल या घर के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाले कंस्ट्रक्शन मैटेरियल से लेकर कुछ भी जांच के लिए सीधे भेज सकते हैं उन्होंने बताया कि रिपोर्ट उन्हें ऑनलाइन मिल जाएगी. उपभोक्ता मंत्रालय इस विभाग के काम के लिए जल्द ही एक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च करने वाला है.
मोरबी हादसे के बाद राज्यों को किया अलर्ट
उपभोक्ता मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने बताया- रोपवे और केबल ब्रिज जैसे ढांचे को लेकर समय-समय पर मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के प्रमुख सचिव को चिट्ठी लिखी गई है कि वह उनकी सुरक्षा और मापदंड बीआईएस के अनुसार रखें. इसके अलावा समय-समय पर उनकी जांच भी करवाते रहें. हाल ही में गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज टूटने से कई लोगों की मौत हो गई थी.
इतना ही नहीं एनसीआर के इलाके में एक इमारत की लिफ्ट टूट जाने से भी लोगों को चोट लगी थी. इस मामले में भी कंज्यूमर मिनिस्ट्री की ओर से तमाम राज्यों के सचिवों को चिट्ठी लिखी गई कि वह समय-समय पर ऐसे हादसों का ऑडिट करें और मापदंडों का पालन करें ताकि ऐसी घटनाएं ना हों.