जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि इस केंद्र शासित प्रदेश के विकास में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के योगदान को देखते हुए कश्मीर को जम्मू क्षेत्र से जोड़ने वाली नवयुग सुरंग का नाम उनके (सिंह के) नाम पर रखा जाना चाहिए.
अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर दो सुरंग हैं. एक का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा गया है. दूसरी सुरंग (नवयुग) का नाम मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए.'
'जम्मू-कश्मीर के लिए मनमोहन सिंह से ज्यादा किसी और ने नहीं किया'
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह ने जम्मू-कश्मीर के विकास एवं कल्याण के लिए जबरदस्त योगदान दिया था. सिंह का तीन दिन पहले निधन हो गया था. उन्होंने कहा कि शायद, जम्मू-कश्मीर के लिए डॉ. मनमोहन सिंह से ज्यादा किसी और प्रधानमंत्री ने नहीं किया. अगर हम पांच साल के भीतर जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में सक्षम हैं, तो यह उनकी वजह से है. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में क्रॉस एलओसी यात्रा शुरू हुई, लेकिन क्रॉस एलओसी व्यापार डॉ. सिंह के कार्यकाल में शुरू हुआ.
अब्दुल्ला ने सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर के लिए किए गए उपायों को गिनाते हुए कहा, 'जम्मू-कश्मीर के छात्र उनके कारण बाहर (पीएम स्कॉलरशिप स्कीम के तहत) पढ़ रहे हैं, कश्मीरी पंडितों की वापसी को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से उनके लिए नौकरी में आरक्षण भी डॉ. सिंह ने शुरू किया था.'
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को सामने लाने के लिए गोलमेज सम्मेलनों के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने बातचीत करने वाले लोगों को भी नियुक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री बिना बोले लोगों के लिए काम करने में विश्वास करते थे.