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घने जंगलों में स्नाइपर से नक्सलियों की घेराबंदी, कोबरा कमांडो का बड़ा एक्शन प्लान

सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खात्मे के लिए घने जंगलों में स्नाइपर तैनात किए हैं. कोबरा कमांडो अब फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस से नक्सलियों को सीधे निशाना बना रहे हैं. आधुनिक माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल्स और सटीक रणनीति से नक्सलियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है.

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सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति से नक्सलियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है.
सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति से नक्सलियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है.

नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें वहीं पर ढेर करने का बड़ा प्लान सुरक्षा बलों ने तैयार किया है. इसी क्रम में नक्सलियों के काल इस समय CRPF के कोबरा कमांडो बन रहे हैं. सूत्रों ने बताया है कि हर ऑपरेशन और फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस पर घातक कोबरा के स्नाइपर तैनात किए गए हैं. कोबरा कमांडो को स्नाइपर राइफल देने के पीछे का मकसद यह है कि नक्सली जिस तरीके से छिपकर वार करते हैं, उन पर सीधे दूर से निशाना लगाया जा सके. इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक बैठक में आदेश दिए गए, जिसके बाद यह फैसला लिया गया.

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सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस जहां-जहां नक्सलियों के गढ़ में बनाए जा रहे हैं, वहां हर जगह स्नाइपर राइफल के साथ प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया जाएगा, ताकि नक्सलियों पर सटीक निशाना लगाया जा सके.  

इसके साथ ही सूत्रों ने जानकारी दी है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को 'मेक इन इंडिया' के तहत खास तरीके का माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल दिया गया है. यह व्हीकल ऑल-वेदर टेरेन में चल सकती है. इस व्हीकल के जरिए जवान एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं. पूरी तरह से बुलेटप्रूफ इस माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल पर 100 किलो तक का IED धमाका भी असर नहीं डालता.  

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अगर नक्सली इलाकों की बात करें तो 2012 में जहां 36 जिले नक्सल प्रभावित थे, 2024 में यह संख्या घटकर केवल 12 जिले रह गई है. नक्सली घटनाएं, जो 2013 में 76 जिलों के 330 पुलिस स्टेशनों में होती थीं, 2024 के सितंबर तक घटकर केवल 31 जिलों के 104 पुलिस स्टेशनों तक सिमट गई हैं.  

सबसे खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जो 2014 में 18,000 स्क्वायर किलोमीटर में फैला था, 2024 में घटकर 8,500 स्क्वायर किलोमीटर रह गया है. पिछले 5 वर्षों में 289 कैंप बनाए गए हैं और सैकड़ों फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थापित किए गए हैं.  

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इस साल सुरक्षा बलों ने ढाई सौ से अधिक नक्सलियों को ढेर किया है. करीब 1,000 के आसपास नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 850 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसके अलावा, इस साल 14 से अधिक टॉप नक्सली कमांडरों को न्यूट्रलाइज किया गया है, जिसे अब तक की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है.

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