अभिनेत्री नयनतारा और विग्नेश शिवन हाल ही में सरोगेसी के जरिए जुड़वां बच्चों के पेरेंट्स बने हैं. इस बाबत उन्होंने 9 अक्टूबर को सोशल मीडिया के जरिए जानकारी साझा की. जिसके बाद इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था और इसे सरोगेसी कानून का उल्लंघन करार दिया गया था. जिसके चलते तमिलनाडु सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. लेकिन अब इस कपल को राहत मिली है. कारण, तमिलनाडु के स्वास्थ्य डिपार्टमेंट ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि दोनों ने सरोगेसी से जुड़ा कानून नहीं तोड़ा है.
दरअसल, अभिनेत्री नयनतारा और विग्नेश शिवन के सरोगेसी मामले की जांच के लिए तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक पैनल का गठन किया गया था. स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने जांच टीम का गठन करते हुए कहा था कि यह पता लगाने के लिए एक पैनल नियुक्त किया गया है कि क्या सरोगेसी कानूनी थी और क्या सभी नियमों का पालन किया गया था.
दो बाल रोग विशेषज्ञों की अध्यक्षता वाले पैनल ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी. जिसमें एक विस्तृत बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि अभिनेत्री नयनतारा और विग्नेश सिवन ने 11 मार्च, 2016 को कानूनी रूप से शादी कर ली थी. उन्होंने सरोगेसी के लिए दी गई सभी उचित प्रक्रिया और दिशानिर्देशों का भी पालन किया है.
बता दें कि नयनतारा और विग्नेश सिवन ने हाल ही में 9 जून, 2022 को एक शानदार आयोजन कर शादी के बंधन में बंध गए थे. इस जोड़े ने 9 अक्टूबर को अपने जुड़वा बच्चों के आने की घोषणा की. इस बात पर बहुत विवाद हुआ कि शादी के सिर्फ चार महीनों में इस जोड़े ने बच्चों को सरोगेट कैसे किया. जिसके बाद इसे सोरेगेसी कानून का उल्लंघन बताया गया.
जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि दंपति ने जांच आयोग द्वारा आवश्यक सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए थे और आईसीएमआर के नियमों के अनुसार दिशानिर्देशों का पालन किया गया था. सरोगेट मदर एक विवाहित महिला है, जिसका एक बच्चा है, जो सरोगेट होने के लिए दिशानिर्देश के अनुसार सही है.