आपकी उम्र तिरासी साल की हो गई आप रिटायर क्यों नहीं हो जाते? शरद पवार के भतीजे,एनसीपी नेता और ताज़ा ताज़ा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने अजीत पवार ने शरद पवार को आज ये मेसज दिया है. थोड़ी ही देर बाद शरद पवार का इसको लेकर जवाब भी आ गया. उन्होंने कहा बिना किसी पूर्व जानकारी के,बिना पार्टी में चर्चा किये स्वार्थ के लिए बग़ावत करना पार्टी के लिए अपराध है. इसकी सजा मिलेगी. एक अपडेट और है वो ये कि अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCPऔर उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताते हुए पत्र भेज दिया है. उनके खेमे ने यहाँ तक दावा किया है कि अजीत पवार अब पार्टी के अध्यक्ष हैं,30 जून को हुई एक बैठक् में ही उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया था. इधर शरद पवार गुट के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत 9 विधायकों को आयोग्य घोषित करने की मांग की है. और इन सब दावों और करवाइयों के बीच किसके पास ज्यादा विधायक हैं अजीत या शरद पवार के पास- इस को लेकर शक्ति प्रदर्शन हुआ. दोनों खेमों ने अपने अपने दफ्तरों पर विधायकों का जुटान किया था. क्या तस्वीर रही इस जुटान की और अब इस लड़ाई में कौन आगे दिखाई दे रहा है, सुनिए 'दिन भर' में.
यूसीसी पर उठे विवाद अब तक खत्म नहीं हुए हैं,राजनीतिक पार्टियों से लेकर धार्मिक संगठनों तक के बयान अब रोज खबरों का हिस्सा हैं. हालांकि खबरों में तो ये भी है कि सरकार इसके लिए पूरा मन बना चुकी है और संसद के इस मॉनसून सत्र में यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड बिल को पेश कर सकती है. बीते महीने देश के लॉ कमीशन ने यूसीसी पर आपत्तियों को देखते हुए एक महीने के अंदर अलग अलग संगठनों से राय मांगी थी. कमीशन अपनी रिपोर्ट इस महीने के मध्य में जारी कर सकता है, जिसमें लोगों की राय के आधार पर यूसीसी लागू करने या न करने की सलाह दी जाएगी. लॉ कमीशन को यूसीसी पर क्या सुझाव देने हैं इसको लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई आज। विरोध के पॉइंटर्स क्या हैं और इस बिल पर उनकी किस तरह की आपत्ति है इस पर चर्चा हुई. सुनिए 'दिन भर' में.
उज्जैन चलते हैं अब,सावन का महीना शुरू हो चुका है और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ भी बढ़ने लगी है,इस बीच मंदिर प्रशासन का एक फैसला आया है कि अब महाकालेश्वर के दर्शन के पैसे लगेंगे. और ये वीआईपी दर्शन की बात नहीं है. ये नॉर्मल दर्शन की बात है. मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसा फैसला मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. हालांकि इस फैसले को लेकर विरोध के भी स्वर हैं.कुछ स्थानीय संगठन इसके विरोध में भी हैं लेकिन फिलहाल ये व्यवस्था लागू कर दी गई है. सुनिए 'दिन भर' में.