पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में चुनाव जीतने के बाद एनडीपीपी-भाजपा सरकार 7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेगी. आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और बीजेपी ने 27 फरवरी को 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 40:20 सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले के साथ चुनाव लड़ा और लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के लिए क्रमशः 25 और 12 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की.
हालांकि अभी तक गठबंधन में से किसी ने भी नई सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, लेकिन भाजपा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि एनडीपीपी अध्यक्ष नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
इससे पहले के चुनावों में क्या रहा था नतीजा?
बता दें कि इससे पहले साल 2018 के चुनाव में एनडीपीपी और बीजेपी ने इसी फॉर्मूले पर विधानसभा में चुनाव लड़ा था और क्रमश: 18 और 12 सीटों पर जीत हासिल की थी.
नगालैंड के नतीजे इसलिए भी अहम
गौरतलब है कि नगालैंड में गुरुवार को विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी हुए थे. इस चुनाव में यहां की जनता ने पहली बार दो महिला उम्मीदवारों को चुनकर इतिहास रच दिया. बीजेपी की सहयोगी एनडीपीपी (सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) की उम्मीदवार हेकानी जखालु ने दीमापुर-तृतीय सीट तो सलहौतुओनुओ क्रूस ने पश्चिमी अंगामी सीट पर बाजी मार ली यानी अब नगालैंड में दो महिला विधायक हो गईं. इस बार विधानसभा चुनाव में 183 उम्मीदवार मैदान में थे.
इनमें से चार महिला उम्मीदवार भी थीं. हेकानी जखालु, क्रूस के अलावा तेनिंग सीट पर कांग्रेस की रोजी थॉम्पसन और अटोइजू सीट से भाजपा की काहुली सेमा भी मैदान में थीं. जाखलु ने अमेरिका से वकालत की पढ़ाई की है. वह सामाजिक उद्यमी और यूथनेट की संस्थापक हैं. उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति से नारी शक्ति पुरस्कार भी मिला चुका है. वह इस बार नगालैंड की महिलाओं के लिए एक उम्मीद लेकर आई हैं. हेकानी जखालु ने लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के उम्मीदवार एजेतो झिमोमी को मात दी. वहीं सल्हौतुओनुओ क्रूस एक स्थानीय होटल की मालिक हैं. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार केनेइझाखो नाख्रो के खिलाफ चुनाव लड़ा था.